डेंगू के मरीजों की संख्या कम, सर्दी जुकाम के मरीज ज्यादा
बदायूं। ठंडक बढ़ने के साथ ही मलेरिया और डेंगू के मरीज भी कम होने लगे हैं मलेरिया वार्ड में एक भी मरीज नहीं है ।जिससे उस वार्ड में ताला लगा दिया गया है। अब सर्दी जुकाम और श्वास के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। जिससे एक वार फिर ओपीडी में लाइन लगने लगी है।तीमारदारों की भी भीड़ लगने से अस्पताल में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
गर्मी के मौसम में जिले भर में बुखार और डेंगू के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही थी। जिला अस्पताल में वार्ड और बेड खाली नहीं बचे थे जिससे अलग डेंगू के मरीजों को अलग से वेड लगाने पड़े थे। अब सर्द मौसम आने पर बुखार के मरीजों की संख्या में कमी आने लगी है। मलेरिया का अब एक भी मरीज किसी वार्ड में नही है। मेडिसिन वार्ड में कई कमरों में मरीजों को भर्ती कराया गया था। अब यह सभी वार्ड खाली हो गये हैं। जिसके बाद मेडिसिन वार्ड में ताला लगा दिया गया है।
इधर करीब एक सप्ताह से सर्दी जुकाम और श्वास के मरीजों की लम्बी लाइन लगने लगी है। खांसी के मरीज और गले में परेशानी बताने वालों की खासी भीड़ रहती है। फिजीशियन डा. एसपी सिंह ने बताया कि अब बुखार के मरीज बहुत कम आ रहे हैं। जुकाम और श्वास के मरीजों की संख्या खांसी रहती है। आज भी करीब 71 मरीज जुकाम और खांसी के आए हैं ।जबकि सामान्य फीवर के एक दो मरीज आये हैं। फिजीशियन डा. शिवमोहन कमल ने बताया कि सर्द मौसम होते ही श्वांस और जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। सोमवार को भी करीब 64 मरीज खांसी और गले की परेशानी के आए हैं। इस तरह अब गले में खराश की समस्या से जूझ रहे लोगों की संख्या अधिक हो रही है। यह सब मौसम के अनुसार हो रहा है।
डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि अब बुखार डेंगू के मरीज नहीं आ रहे हैं। मौसम में बदलाव आने से वृद्ध लोगों को श्वास लेने में परेशानी हो रही है और सर्दी जुकाम बढ़ने से मरीज बढ़ रहे हैं। उन्होने बताया कि यह सब आम बात है जब मौसम बदलता है तो इस तरह की परेशानियां होती हैं। ऐसे में गर्म पानी पीते रहें और ठंडी चीजें ने लें।
जिला अस्पताल में डेंगू का एक मरीज भर्ती है जबकि मलेरिया का एक भी मरीज भर्ती नही है और न ही बुखार का है जो मरीज बुखार के आ रहे हैं उन्हे दवाएं देकर भेजा जा रहा है। इसलिए वार्ड खाली हो गये हैं कई वार्डों में ताला लगा दिया गया है।
डा. कप्तान सिंह- सीएमएस
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