गर्मी: अस्पतालों में बढ़ रहे उल्टी-दस्त और टाइफाइड के मरीज, अस्पतालों में लगी लंबी कतार

BADAUN NEWS : मौसम में आ रहे बदलाव के बाद सर्दी खांसी बुखार के मरीजों की संख्या में कमी आने की बजाए और वृद्धि हो रही है। गंभीर मरीजों को भर्ती भी करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में पिछले कई दिनों से करीब चार सौ से पांच सौ मरीज आ रहे हैं। होली के बाद से वैसे तो गर्मी शुरू हो चुकी है। दिन में तपन और गर्मी होती है जबकि रात को तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है जिससे लोगों में सर्दी खांसी बुखार की समस्या बनी हुई है। खास कर श्वास के मरीजों को इस मौसम में भारी परेशानी हो रही है।

 

जिला अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ रही। लगभग सभी चिकित्सक भी मौजूद रहे। सभी चिकित्सक होने के बाद भी दोपहर एक बजे तक मरीजों को लाइन में लग कर पहले पर्चे बनवाने पड़े बाद में लाइन में लग कर चिकित्सक को दिखाना पड़ा, और फिर लाइन में लग कर ही उन्हे दवाएं मिल सकीं। इस तरह सोमवार का दिन भीड़भाड़ वाला रहा। फिजीशियन डा. एसपी सिंह ने बताया कि जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता तब तक यहीं स्थिति रहेगी। आज जिला अस्पताल की विभिन्न ओपीडी में करीब पांच सौ मरीजों को देखा गया जिसमें से 50 प्रतिशत मरीज बुखार खांसी के रहे। करीब 246 मरीजों को बुखार और खांसी की समस्या निकली। जबकि तीन श्वास के मरीजों को भर्ती किया गया।श्वास के मरीजों को करीब तीन से चार दिन तक भर्ती करना पड़ रहा है तब कहीं जाकर उन्हे आराम मिल रहा है।

 

सीएमएस डा. कप्तान सिंह ने कहा कि मौसम बदलने से बुखार की समस्या कम नहीं हो रही है। लोग दिन में हल्के कपड़े पहनते हैं जबकि रात को मौसम नरम रहता है। रात को एसी कूलर चलाने से सर्दी की शिकायत हो रही है। लोगों को अभी कूलर एसी से बचना चाहिए। करीब पांच सौ मरीज हर रोज देखे जा रहे हैं जिनमें से बुखार और सर्दी खांसी के मरीज अधिक होते हैं।

टाइफाइड की चपेट में आ रहे छोटे बच्चे

जिला महिला अस्पताल में इस समय उल्टी दस्त से पीड़ित बच्चे आ रहे हैं इनमें 40 प्रतिशत बच्चे टाइफाइड से पीड़ित हैं। टाइफाइड से पीड़ित बच्चों को साफ स्वच्छ पानी की जरूरत है। जिला महिला अस्पताल में इन दिनों छै महीने से एक साल तक के बच्चे आ रहे हैं उन्हें उल्टी दस्त की समस्या है।सोमवार को करीब 184 बच्चों को देख कर दवाएं दी गयी जिसमें से करीब 60 बच्चों को टाइफाइड निकला। टाइफाइड के शिकार बच्चों के परिजनों को सलाह दी गयी कि बच्चों को तरल पदार्थ ही दें। उन्हे उबाल कर पानी दें। ठंडा पानी न दें। छह महीने तक के बच्चों को बाहर कम ही निकालें।

बाल रोग विशेषज्ञ डा. कुमार वासु ने बताया कि बच्चों को गंदे कपड़े और गंदा पानी दिया जा रहा है जिससे उनके शरीर में इन्फेक्शन हो रहा है। गंदगी से बच्चों को बचाना होगा। उन्हे साफ कपड़े ही पहनाएं। ठंडी चीजें न दें। पानी उबाल कर रखें वहीं उन्हे दिया जाए। बच्चों को हल्का भोजन खिलाएं। टाइफाइड के शिकार बच्चों को दूध न दें। बच्चों को साफ बिस्तर पर ही लिटाएं जिससे उनकी त्वचा को नुकसान न पहुंचे।

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