आखिर, जांच में फंस ही गए विकास भवन के ऑडिट अफसर 

अब तक जो करते थे सबकी जांच, अब उन पर आई आंच


शासन से जांच का आदेश आने के बाद विकास भवन से जेडीए दफ्तर तक हड़कंप

अपनी नौकरी में 20 साल से अधिक समय से बरेली में गुजार चुके हैं ऑडिट अफसर


प्रमोशन होने के बाद भी बरेली से बाहर नौकरी करने की नही आई नौबत, नेता और अफसर बन गए ढाल


हर विभाग की जांच में कार्य नियमानुसार पाया गया, की लगाई रिपोर्ट, पांच लाख रुपए लेने का ऑडियों हो चुका है वॉयरल


BHASKAR TODAY/SUDHAKAR SHUKLA 

बरेली। अब तक सरकारी विभाग के अफसर और कर्मचारियों को जांच के नाम पर धमकाकर मोटी ऊपरी कमाई करने वाले विकास भवन के ऑडिट अफसर के काले कारनामों की शासन के निर्देश पर जांच शुरू हो चुकी है। शासन से जांच का आदेश आने के बाद विकास भवन से लेकर बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, कृषि विभाग, जिला पंचायत, डीआरडीए समेत तमाम सरकारी विभागों में हडकंप मच गया है। ऑडिट अफसर ने बीते सात साल में आपसी सांठ गांठ से विभिन्न विभागों की जांच करके उनमें कार्य नियमानुसार पाया गया, की आख्या लगाई है। ये ऑडिट अफसर अब तक सबकी जांच करके धमकाते थे, अब उनकी जांच शुरू होने से अफसर और कर्मचारी दहशत में हैं। 

विकास भवन के चर्चित ऑडिट अफसर एक फिर से सुर्खियों मे हैं। प्रमुख सचिव वित्त के आदेश पर इनकी जांच शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार विकास भवन के इन ऑडिट अफसर को बरेली में नौकरी करते हुए बीस साल से अधिक हो चुके हैं। पहले ये मंडी समिति में सहायक लेखाकर थे। 2016 में इनका प्रमोशन हो गया और यह वित्त एवं लेखाधिकारी बन गए। शाहजहांपुर की रहने वाली लखनऊ की एक बड़ी महिला अफसर का आशीर्वाद इनको मिल गया। उनसे यह कृषि के अलावा चार अतिरिक्त चार्ज ले आए। सीएम पोर्टल या डीएम दफ्तर से आने वाली अधिकांश जांच सीडीओ को मिलती हैं तो यह ऑडिट अफसर उसमे अहम भूमिका निभाते हैं। अब तक इन्होने विभिन्न सरकारी विभागों कृषि, सिंचाई, मंडी समिति के अलावा जिला पंचायत, ब्लॉक, ग्राम पंचायत, बीएसए दफ्तर, डीआईओएस दफ्तर, डीआरडीए, सासंद निधि, विधायक निधि के ऑडिट किए हैं। सभी विभागों की जांच या ऑडिट में इन्होने कार्य नियमानुसार पाया गया, की रिपोर्ट लगाकर बड़े बड़े घपलेबाजों को बचाया है। सूत्रों का कहना है कि उसके एवज में इनको विभिन्न जांचो में मोटी कमाई भी हुई है। शासन से इन्हीं बिन्दुओं पर इनकी जांच होनी है। कुछ दिन पहले एक सहायक लेखा अधिकारी इनके द्वारा की हुई सभी जांचों की स्पेशल ऑडिट कराने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं।

शाहजहांपुर के हैं मूल निवासी

ये ऑडिट अफसर बरेली मंडल के शाहजहांपुर के रहने वाले हैं। बरेली में इनको दो दशक से अधिक समय हो चुका है। इसलिए हर सरकारी विभाग के अफ़सर और बाबुओं के बीच इनकी मजबूत पकड़ है। सीएम पोर्टल या डीएम दफ्तर से कोई भी जांच विकास भवन आती है तो वह इनकी मोटी कमाई का जरिए बनती है। घपले या भ्रष्टाचार की ज्यादातर जांचो में यह कार्य नियमानुसार पाया गया, की ही रिपोर्ट लगाते हैं। इसके बदले में यह संबंधित विभाग से मोटी रकम वसूलते हैं।

पांच लाख रुपए लेने का ऑडियों हो चुका है वायरल

कुछ दिन पहले सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी की ओर से इन ऑडिट अफसर ने जांच करके कार्य नियमानुसार पाया गया, की आख्या लगाई थी। इसके बाद उस विभाग के एक कर्मचारी का ऑडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमे ऑडिट अफसर द्वारा जांच में सब कुछ नियमानुसार पाया गया की रिपोर्ट लगाने के बदले में पांच लाख रुपए लेने की बात कही गई थी।

चुनाव आयोग के नियम भी दरकिनार

लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। इसके चलते चुनाव आयुक्त ने हाल ही में प्रत्येक जिले में तीन साल से अधिक समय से जमे अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाने के लिए शासन को पत्र लिखा था। इसके चलते कई अफसरों के ट्रान्सफर भी हो चुके हैं लेकिन इन ऑडिट अफसर पर चुनाव आयोग के नियम भी बेअसर हैं। ऐसे न जानें कितने चुनाव आए लेकिन ऑडिट अफसर बरेली से नहीं हिले।

ईमानदार अफसर को मिल चुकी है मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि

भूमि संरक्षण विभाग के एक ईमानदार अफसर के किस्से आजकल हर किसी की जुबान पर हैं। इन अफसर का खुद ही मानना है कि वह बहुत ईमानदार हैं। बीते साल इनको मीरगंज में एक किसान के कृषि यंत्र देने की पात्रता का सत्यापन करना था। सूत्रों के अनुसार किसान इनके सिस्टम में फिट नहीं बैठ पाया तो ईमानदार अफसर ने अपनी रिपोर्ट में उस किसान को अपात्र घोषित कर दिया। हालांकि किसान कृषि यंत्र की सब्सिडी पाने का पात्र था। किसान ने ईमानदार अफसर की शिकायत शासन में की। उसकी जांच तत्कालीन डीडी कृषि दीदार सिंह के पास आई। तत्कालीन डीडी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। इस जांच कमेटी ने किसान को सब्सिडी पाने का पात्र घोषित किया। ईमानदार अफसर को उस समय मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। हालांकि तत्कालीन डीडी ने वह प्रतिकूल प्रविष्टि खत्म करके ईमानदार अफसर को बचा लिया।

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