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बदायूं। उझानी के सराफा व्यापारी से हुई 26 हजार 700 रुपये की साइबर ठगी की घटना का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मध्य प्रदेश के युवक ने व्यापारी के साथ ठगी की थी। वह लड़की की आवाज निकालकर व्यापारियों से ठगी करता है। व्यापारियों के रुपये न देने पर वह खुद को अधिकारी बताकर स्थानीय पुलिस को व्यापारी के पास भिजवाता था। आरोपी को जेल भेजा गया है। वह चोरी के मामले में पहले भी जेल जा चुका है।
उझानी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला श्री नारायणगंज निवासी आलोक अग्रवाल सराफ व्यापारी हैं। 28 फरवरी को उनके पास किसी महिला ने फोन किया। खुद को मध्यप्रदेश के जिला जबलपुर की एसीपी आराध्या चौहान बताया। कहा कि उसने व्यापारी की दुकान पर चोरी का माल बेचने वाली एक महिला रूपा कोरी को पकड़ा है। इसके एवज में रुपये मांगे। अपना क्यूआर कोड भेजा। व्यापारी ने उसके नंबर पर रुपये डाल दिए। व्यापारी ने कस्बा चौकी के इंचार्ज पर मिलीभगत का आरोप लगाया। अगले दिन व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर प्रदर्शन किया।
एसएसपी आलोक प्रियदर्शी के निर्देश पर रुपये होल्ड करा दी गई। खुलासे के लिए तीन टीमें बनाईं। एसओजी और उझानी पुलिस ने व्यापारी को फोन करने वाले नंबर को सर्विलांस पर लगाया। एसओजी मोबाइल की लोकेशन और आईडी के आधार पर जबलपुर पहुंची। जहां से जिला जबलपुर के थाना पाटन क्षेत्र के वार्ड 10 निवासी संकेत यादव पुत्र उमाशंकर यादव बताया। उसके पास से दो मोबाइल, 800 रुपये बरामद हुए। शुक्रवार को एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव ने खुलासा किया। आरोपी को जेल भेजा।
व्यापारियों को डराकर करता उगाही बात ना मानने पर भेज देता था स्थानीय पुलिस
आरोप की उम्र लगभग 18 साल है लेकिन वह बहुत शातिर है। सोशल साइट्स पर किसी भी जिले के कस्बों के सराफा व्यापारियों की डिटेल निकालकर उन्हें फोन करता है। लड़कियों की आवाज निकाल उन्हें झांसा देकर रुपये ले लेता है। लड़की आवाज सुनकर व्यापारी उसपर भरोसा कर लेते हैं। अगर कोई व्यापारी भरोसा नहीं करता है तो वह स्थानीय पुलिस को फोन करता है। खुद को कहीं का अधिकारी बताकर व्यापारी के बारे में झूठी सूचना देता है। पुलिस व्यापारी के पास पहुंचकर दबाव बनाती है। उझानी मामले में भी यही हुआ था। आरोपी संकेत यादव ने पुलिस को फोन करके उसके पास भेजा था। जिसके चलते व्यापारी ने चौकी इंचार्ज पर आरोप लगाया।
व्यापारी को फंसाकर एक जगह नहीं रुकता
आरोपी संकेत यादव ने अपने आधार कार्ड पर साल 2021 में सिम खरीदा था। अपने मोबाइल नंबर से ही लोगों को फोन करके ठगी करता है। अब तक एसीपी और डीसीपी बनकर 20 लोगों के साथ ठगी कर चुका है। एक ठगी करने के बाद वह मोबाइल तो बदलता है लेकिन मोबाइल नंबर नहीं बदलता। साथ ही व्यापारी को फंसाकर अपना स्थान बदल लेता है। लगभग छह साल पहले वह चोरी के मामले में जेल गया था। उसकी मां ने जमानत कराई थी। जिसके बाद से वह घर नहीं गया।
ठगी का खुलासा करने वाली टीम में उझानी के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह, वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनोज कुमार, बलवीर सिंह, सिपाही अनुपम कुमार, बलराम सिंह, मुकुल कुमार, यतेंद्र, मममता, निशा और एसओजी से उपनिरीक्षक धर्वेंद्र सिंह, संजय सिंह, सचिन झा, विपिन कुमार, सचिन कुमार, अरविंद कुमार, मुकेश कुमार, शराफत हुसैन, भूपेंद्र कुमार, आजाद कुमार, कुशकांत शामिल रहे।
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