कोयला मंत्रालय ने 50,118 करोड़ रूपये के लक्ष्य के मुकाबले फरवरी 2024 तक 55,148.33 करोड़ रूपये संपत्ति मौद्रीकरण हासिल किया

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कोयला क्षेत्र के पीएसयू ने वार्षिक लक्ष्य का 106.74 प्रतिशत हासिल कर वित्त वर्ष 2023-24 के पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पीछे छोड़ा

कोयला मंत्रालय जीईएम के माध्यम से खरीद में चालू वित्त वर्ष के लिये तय लक्ष्य का 415 प्रतिशत हासिल कर पहले स्थान पर


नयू दिल्ली। कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने में सहायता और योगदान के लिये पूंजीगत व्यय करने में सबसे आगे रहीं हैं।  पिछले कुछ सालों के दौरान केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उपक्रम (सीपीएसई) पूंजीगत व्यय के तय लक्ष्य से अधिक प्राप्त करते रहे हैं।

कोयला सार्वजनिक उपक्रमों ने वित्त वर्ष 2021-22 में लक्ष्य के मुकाबले 104.86 प्रतिशत हासिल किया। वित्त वर्ष 2022- 23 में भी उनका ऐसा ही प्रदर्शन रहा जब कोयला पीएसयू ने तय लक्ष्य का 109.24 प्रतिशत के आसपास हासिल किया। कोयला पीएसयू की पूंजीगत व्यय में पिछले 3 साल के दौरान साल दर साल वृद्धि होती रही है।

वर्ष पूंजी व्यय (करोड़ रूपये में)    वर्ष दर वर्ष वृद्धि
2020-21 17,474.91 16.52 प्रतिशत
2021-22    19,656.42 12.48 प्रतिशत
2022-23 23,400.22 19.05 प्रतिशत

 

कोयला मंत्रालय का वित्त वर्ष 2023-24 के लिये पूंजीगत व्यय लक्ष्य 21,030 करोड़ रूपये है।  कोयला पीएसयू ने फरवरी 2024 तक ही 22,448.24 करोड़ रूपये का रिकार्ड पूंजीगत व्यय, यानी वार्षिक लक्ष्य का 106.74 प्रतिशत, करके वित्त वर्ष 2023-24 के लक्ष्य को पहले ही पार कर लिया है। किसी भी वित्त वर्ष के अंतिम दो माह में पूंजीगत व्यय का प्रमुख हिस्सा खर्च होता है, इसलिये माना जा रहा है कि सीआईएल और एनएलसीआईएल वर्ष के दौरान अपनी उपलब्धि में और वृद्धि करेंगे और भारत की आर्थिक वृद्धि को और गति देंगे।

पूंजीगत व्यय यानी कैपेक्स किसी भी अर्थव्यवस्था की गतिशीलता के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, जिसका समूची अर्थव्यवस्था पर कई गुणा और निचले स्तर तक प्रभाव होता है और इससे खपत, मांग और औद्योगिक वृद्धि बढ़ाने, रोजगार सृजन और दीर्घकालिक अवसंरचना को बढ़ावा मिलता है जिसका देश को लंबे समय तक सतत् लाभ मिलता रहता है।

परिसंपत्ति का मौद्रीकरण

कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 में शुरू संपत्ति मौद्रीकरण के अग्रणी कार्यक्रम के तहत क्षमता से कम उपयोग वाली परिसंत्तियों के मौद्रीकरण की भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना में भी बेहतर प्रदर्शन किया है। संपत्ति मौद्रीकरण के तहत कुल मिलाकर उपलब्धियां इस प्रकार रहीः

 

वर्ष लक्ष्य    राशि (करोड़ रूपये में)
2021-22 3,394 40,104.64
2022-23    30,000 57,179.99
योग 33,394 97,283.60

 

वास्तव में, वित्त वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक भारत सरकार की संपत्ति मौद्रीकरण योजना के तहत हासिल कुल मौद्रीकरण में करीब आधा कोयला मंत्रालय का हिस्सा है।

इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023- 24 में कोयला मंत्रालय ने फरवरी 2024 तक ही अपने संपत्ति मौद्रीकरण योजना का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कोयला मंत्रालय ने अपने 50,118 करोड़ रूपये के लक्ष्य के मुकाबले फरवरी 2024 तक 55,148.33 करोड़ रूपये का संपत्ति मौद्रीकरण हासिल कर लिया है।

जीईएम के माध्यम से हुई खरीद

गवर्नमेंट ई-मार्किटप्लेस (जीईएम) ने कोयला मंत्रालय (सीपीएसई सहित) के लिये वित्त वर्ष 2022- 23 के दौरान जीईएम के माध्यम से वस्तुओं एवं सेवाओं की 4,000 करोड़ रूपये की खरीद का लक्ष्य तय किया था। लक्ष्य के मुकाबले कुल उपलब्धि 4,278 करोड़ रूपये रही जो कि 107 प्रतिशत है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने 26.06.2023 को आयोजित समारोह में कोयला मंत्रालय, सीआईएल और एनएलसीआईएल को निम्नलिखित पुरस्कार प्रदान कियेः

‘‘सर्वश्रेष्ठ सहभागिता’’ – कोयला मंत्रालय

‘‘उभरता सितारा’’ — कोल इंडिया लिमिटेड

‘‘सही समय पर भुगतान (सीपीएसई)’’ — एनएलसी इंडिया लिमिटेड

वित्त वर्ष 2023-24 के लिये जीईएम के माध्यम से 02 मार्च 2024 तक वास्तविक खरीद 88,518 करोड़ रूपये रही जो कि तय लक्ष्य 21,325 करोड़ रूपये का 415 प्रतिशत है।

जीईएम के माध्यम से कुल खरीद में सभी केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों में कोयला मंत्रालय पहले स्थान पर रहा है। वहीं, जीईएम से खरीद मामले में सभी केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के बीच (02.03.2024 तक) कोल इंडिया लिमिटेड (अनुषंगियों सहित) शीर्ष स्थान पर रहा है।

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