आयुर्वेद मेडिसिन पर आर्मी और पतंजलि में हुआ समझौता 

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बरेली। बाबा रामदेव के योग, आयुर्वेद चिकित्सा और वेलनेस का फायदा अब भारतीय सेना के जवानों को भी मिलेगा। दरअसल, पतंजलि योगपीठ ने भारतीय सेना से एक एमओयू किया है। इस एमओयू से योग, आयुर्वेद चिकित्सा और वेलनेस प्रोडक्ट्स से सैनिक भाइयों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सकेगी। इसके साथ ही दोनों के बीच आयुर्वेद क्षेत्र में अनुसंधान तथा आईटी आदि क्षेत्रों में साथ मिल कर कार्य करने को लेकर भी सहमति बनी है।
पतंजलि योगपीठ से जारी एक बयान के मुताबिक सेना मुख्यालय, उत्तर भारत क्षेत्र, बरेली हेडक्वार्टर में भारतीय सेना तथा पतंजलि योगपीठ के मध्य विविध विषयों पर केन्द्रित एक महत्वपूर्ण एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर हुआ है। बयान के मुताबिक राष्ट्र की सीमाएं जिनके पुरुषार्थ और तप से सुरक्षित है उन पराक्रमी सैनिकों की सेवा के लिए वह उनका कुछ भी उपकार कर पाए, यह योगपीठ का सौभाग्य होगा। इस अवसर पर पतंजलि की ओर से पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण तथा भारतीय सेना से लेफ्रिटनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रामणी (जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड), लेफ्रिटनेंट जनरल आर.सी. तिवारी (जीओसी उत्तर भारत क्षेत्र), ब्रिगेडियर अमन आनंद ;कमांडर, मुख्यालय 9 (स्वतंत्र माउंटेन ब्रिगेड ग्रुप), मेजर विवेक जैकब उपस्थित थे।
इस एम.ओ.यू. के अन्तर्गत योग, आयुर्वेद चिकित्सा एवं वेलनेस के क्षेत्र में, हमारे सैनिक भाइयों की स्वास्थ्य रक्षा हेतु आवश्यक आयुर्वेदिक दवाइयों के अनुसंधान के क्षेत्र में, जैव विविधता के अनुरूप उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जीवन रक्षक पेड़-पौधों पर अनुसंधान के क्षेत्र में, सेना में सूचना एवं प्रौद्योगिकी से लेकर ऑटोमेशन के विभिन्न प्रयोगों के क्षेत्र में साथ मिलकर महत्वपूर्ण कार्य किया जाएगा।

पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता के आधार पर मिलेगी नौकरी

साथ ही पतंजलि की सहयोगी संस्थाओं द्वारा सेवानिवृत्त सैनिक भाइयों को प्राथमिकता के आधर पर सेवा कार्यों में नियुक्ति देने पर विचार किया जाएगा। इस परिचर्चा में पहाड़ों से पलायन रोकने तथा सीमा की रक्षा के लिए वैबरेंट विलेज आदि को बढ़ावा देकर तथा रोजगार के लिए एडवेंचर्स आदि में संसाधनों को पैदा करने इत्यादि विषयों पर भी दोनों पक्षों में सहमति बनी। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उन्हें गर्व भी है और जिम्मेदारीपूर्ण अनुभव भी हो रहा है। इस कार्य को पूर्ण करने में तथा राष्ट्र के प्रति अपनी कृतज्ञता को ज्ञापित करने में पतंजलि कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।
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