बरेली। नगर क्षेत्र के अस्पतालों में अग्निसुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। अग्निशमन अधिकारी संजीव कुमार के नेतृत्व में किए गए निरीक्षण के दौरान 11 अस्पतालों में गंभीर कमियां पाई गईं। इन अस्पतालों को 3 दिनों के भीतर अग्निसुरक्षा मानकों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। समय पर सुधार न होने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
निरीक्षण में क्या-क्या कमियां मिलीं?
विनायक हॉस्पिटल (स्टेशन रोड): मैनुअल फायर अलार्म अकार्यशील, सीढ़ियों पर बाधा।
श्री सिद्धि विनायक हॉस्पिटल (रामपुर गार्डन): स्मोक डिटेक्टर प्रणाली बंद।
साई सुखदा हॉस्पिटल (पीलीभीत बाईपास रोड): स्मोक डिटेक्टर और होजरील खराब।
लाइफलाइन हॉस्पिटल और रामकिशोर हॉस्पिटल: होजरील क्षतिग्रस्त।
नवकिया आई हॉस्पिटल और आदित्य हॉस्पिटल (सुभाषनगर बदायूं रोड): अग्निसुरक्षा मानकों का पालन नहीं।
जनसेवा हॉस्पिटल, स्वाति हॉस्पिटल, आशा हॉस्पिटल, और श्री केदारनाथ हॉस्पिटल: अग्निसुरक्षा प्रणाली या तो अकार्यशील पाई गई या मानकों के अनुरूप नहीं थी।
अधिकारियों का बयान
अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि सभी अस्पतालों को नोटिस जारी कर तीन दिनों में सुधार सुनिश्चित करने को कहा गया है। अगर तय समय पर व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गईं, तो संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
मरीजों की सुरक्षा पर सवाल
इन अस्पतालों में अग्निसुरक्षा मानकों की अनदेखी मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। प्रशासन की सख्ती के बाद अब देखना होगा कि अस्पताल प्रबंधन कितनी जल्दी इन खामियों को सुधारते हैं।
यह कदम आग लगने जैसी आपात स्थितियों में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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