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बरेली। राज्यपाल/ कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय का 22वाँ दीक्षांत समारोह अटल सभागार में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि ’मेरे प्रिय युवा स्नातकों एवं शोधार्थियों आज का दिन आपके जीवन में महत्वपूर्ण है और आपके जीवन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करते हुए इस संस्थान में प्रवेश करते हुए आपने बड़े समर्पण के साथ अपने शैक्षणिक कार्य को आगे बढ़ाया और अपनी कड़ी मेहनत और उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए समर्पण से अपनी डिग्री और पुरस्कार अर्जित किए। यह आपके साथ-साथ आपके शिक्षकों, माता-पिता और उन लोगों के लिए गर्व का क्षण है जिनका आपके जीवन को आकार देने में कोई योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आप याद कर सकते हैं कि उच्च शिक्षा के लिए आपका मिशन यहां बड़े जुनून के साथ शुरू हुआ था लेकिन निश्चित रूप से जान लें कि यह यहीं खत्म नहीं होगा यह तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक आप जीवन की प्रयोगशाला की अनिश्चितताओं और चुनौतियों का सामना करने और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सफलताओं और असफलताओं से निपटने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त महसूस नहीं करते।
उन्होंने कहा कि छात्रों और शिक्षकों को सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में अनुसंधान संस्थानों में न्यूनतम निर्दिष्ट समय के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि अत्याधुनिक उपकरणों और सुविधाओं के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो सके। परिसर के भीतर ऊष्मायन, नवाचार और अनुसंधान केंद्रों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया जाये, जिससे आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञों द्वारा उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। छात्रों को दिलचस्प, नवीन परियोजनाओं को लेने के लिए तैयार किया जा सकता है, जिनमें तकनीकी सफलता प्रदान करने की क्षमता होगी। आवश्यक सुविधाएं और मार्गदर्शन प्रदान करने से निश्चित रूप से उन्हें सफल समाधान प्राप्त करने में मदद मिलेगी। दिव्यांगजन बच्चों के लिए समर्थित संस्था जो रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा संचालित है इंटरमीडिएट साइंसेस ब्लाक को अनुमति मिली है, जिसकी कक्षाएँ वहाँ आरंभ हो गई हैं जल्दी ही यहां स्नातक पाठ्यक्रम आरम्भ करने की योजना है। दिव्यांगजन हेतु दिशा स्कूल एवं आर्थिक रूप से असक्षम बच्चों हेतु संचालित पं दीनानाथ मिश्रा स्कूल को विश्वविद्यालय द्वारा एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता उनके शौक्षणिक कार्यों हेतु प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि इस शैक्षणिक सत्र हेतु 94 गोल्ड में से 75 प्रतिशत से अधिक छात्राओं को प्राप्त हुये है। पिछले वर्षों की भाँति इस वर्ष भी रूहेलखण्ड की बेटियों ने अपनी योग्यता और क्षमता को अपने परिश्रम से स्ंवय सिद्व किया है। छात्र-छात्राएं जब कुशल युवा पुरुषों और महिलाओं के रूप में कदम रखते हैं तो वह एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करते हैं। भविष्य के नागरिकों और हमारे महान देश की समृद्ध परंपरा के राजदूत के रूप में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आत्मविश्वास वाले पुरुषों और महिलाओं के रूप में यकीन है कि आप अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान का अच्छा उपयोग करेंगे। राज्यपाल का दीक्षांत उद्बोधन विद्यार्थियों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक और लाभकारी था। राज्यपाल ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह के कार्यों की सराहना की तथा उनकी उपलब्धियों की भी बात की। उन्होंने कहा कि रोहिलखंड क्षेत्र के अनेक लोगों ने देश का मान बढ़ाया है मैं उनका ह्रदय से सम्मान करती हूं। मेडल जीतने वाले छात्र-छात्राओं के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अधिकांश गोल्ड मेडल छात्राओं ने प्राप्त किए हैं। छात्राओं का यह प्रयास सराहनीय है और वह बधाई की पात्र हैं। छात्राओं के द्वारा अकादमिक क्षेत्र में तरक्की करना केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी महिलाओं की सदी है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह तकनीक निश्चित तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन हमें इसका प्रयोग उस सीमा तक ही करना चाहिए, जहां तक यह आवश्यक है। मशीन या तकनीक का बहुत ज्यादा प्रयोग करने से हमारा अपना व्यक्तित्व पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। किसी भी तकनीक का प्रयोग करने की एक निश्चित सीमा होनी चाहिए। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बहुत सारी ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जो छात्र हित में है। हर एक विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह इन योजनाओं के बारे में छात्र-छात्राओं को जानकारी दे ताकि अपने करियर के क्षेत्र में वह इनका लाभ उठा सकें। शिक्षकों का यह दायित्व बनता है कि वह अपने छात्र-छात्राओं को केंद्र और राज्य सरकार की इन योजनाओं के बारे में जानकारी दें।
राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय के दीक्षांत कार्यक्रम में इंटरनेशनल ट्रांजिट हॉस्टल और डिजिटल लर्निंग हब (डीएलएच) का शिलान्यास किया गया और इसी क्रम में इनक्यूबेशन पायलट फैसिलिटी का भी शिलान्यास माननीय राज्यपाल जी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट की पुस्तिका का विमोचन किया तथा हायर एजुकेशन पुस्तिका का भी विमोचन किया। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्रों, लिखी गईं कहानियों तथा भाषण का संकलन कुल 6 दस्तावेजों के रूप में किया गया जिसका विमोचन माननीय कुलाधिपति द्वारा किया गया। इसके साथ ही साथ कुलाधिपति द्वारा प्रशस्ति पत्र देते समय भी बच्चों से इस विषय पर बातचीत की गई और उनके इन प्रयासों को कुलाधिपति महोदय द्वारा मंच से अपने भाषण में भी सराहा गया। माननीय राज्यपाल द्वारा प्राथमिक स्तर से लेकर इंटरमीडिएट स्तर तक के 36 विद्यार्थियों को स्कूल बैग/पुस्तकें/प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए और इसके साथ ही साथ पोषण पोटली और पुस्तकों को भी दिया गया। इन विद्यार्थियों द्वारा चित्रकला, भाषण और कहानी कथन की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया गया था तथा कुलाधिपति द्वारा पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही साथ इन आठ विद्यालयों के प्रधानाचार्य को भी राजभवन की ओर से कुलाधिपति द्वारा पठन-पाठन की पुस्तक उपहार स्वरूप प्रदान की गई।
इस अवसर पर निदेशक, बी.आर. अम्बेडकर, एनआईटी मुख्य आतिथ्य प्रो0 विनोद कुमार कन्नौजिया ने सभी का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि अत्यंत गौरव और सम्मान के साथ महसूस कर रहा हूँ कि महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय का 22वाँ दीक्षांत समारोह है। हमें इस समारोह में उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जो कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही हैं। माननीय उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और माननीय उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी की गरिमामयी उपस्थिति का भी आभार व्यक्त करता हूँ। मैं कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ और इस दिन को सफल बनाने के लिए कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद के सम्मानित सदस्यों के प्रयासों को स्वीकार करता हूँ। विशिष्ट अतिथियों, समर्पित संकाय, कर्मचारियों, मीडिया प्रतिनिधियों और व्यक्तिगत और ऑनलाइन उपस्थित सभी लोगों का भी हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज हम अपने स्नातक छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जिनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस गौरवपूर्ण क्षण तक पहुंचाया है। आज आपकी उपस्थिति इस उत्सव के महत्व को बढ़ाती है जो उनके लिए एक उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत को चिन्हित करती है। इस शुभ अवसर पर सभी स्नातक छात्रों और उनके माता-पिता को बधाई देता हूं। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले असाधारण पूर्व छात्रों को तैयार करने की गौरवशाली विरासत हासिल की है। उनमें से माननीय राज्यपाल झारखंड संतोष गंगवार जी, प्रसिद्ध क्रिकेटर मोहम्मद शमी, प्रख्यात अभिनेता राजपाल यादव, जावेद अली खान और सलोना कुशवाह जैसे प्रभावशाली राजनेता और कई अन्य हैं। उनकी उपलब्धियाँ न केवल एमजेपीआरयू को गौरवान्वित करती हैं बल्कि वर्तमान छात्रों को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित भी करती हैं। एमजेपीआरयू के पूर्व छात्रों की विरासत समाज पर विश्वविद्यालय के स्थायी प्रभाव का प्रमाण है। अब आप उत्कृष्टता की विश्वविद्यालय की विरासत को आगे बढ़ाते हुए इस प्रतिष्ठित वंश में शामिल हो गए हैं। आज हम न केवल आपकी शैक्षणिक सफलता का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं बल्कि चुनौतियों, विकास और खोज से भरी आपकी यात्रा का भी जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह दीक्षांत समारोह आपके जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय के पूरा होने और नए अवसरों और जिम्मेदारियों की शुरुआत का प्रतीक है। एक ऐसी दुनिया में जो तेजी से आगे बढ़ रही है जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों, उद्योगों और समाज को आकार दे रही हैं- स्नातकों के रूप में आपकी भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहाँ तकनीक हमारी नौकरियों, हमारी अर्थव्यवस्थाओं और यहाँ तक कि दुनिया के साथ हमारे व्यवहार को भी बदल रही है। लेकिन जैसे-जैसे हम इन प्रगतियों को अपनाते हैं, हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को कभी नहीं भूलना चाहिए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां तथा अपने द्वारा किए गए विश्वविद्यालय हित के कार्यों के बारे में बताया।सत्र (2023-2024) में रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने सत्तर 2023-24 में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सभी गुणवत्ता पूर्ण रैंकिंग सिस्टम में प्रतिभाग किया और हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय ने बहुत अच्छी रैंकिंग प्राप्त की है। क्यू एस रैंकिंग में पूरे विश्व में रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने 901 स्थान प्राप्त किया, एन आई आर एफ रैंकिंग में राज्य विश्वविद्यालयों की श्रेणी में हमारे विश्वविद्यालय ने रैंकिंग 51 से 100 बैंड में प्राप्त की है। इंडिया टूडे रैंकिंग में राज्य विश्वविद्यालयों में तीन एवं देश में 30वां स्थान प्राप्त की है। इंडिया अकेडमिया रैंकिंग में डायमण्ड बैंड, रिसर्च एक्सीलेंस रैंकिंग में डायमण्ड बैंड, इम्प्लायबिलिटी एंड स्टार्टअप रैंकिंग में डायमंड बैंड प्राप्त की है। इसी प्रकार ई.डी.यू रैंकिंग उत्तर प्रदेश में 11 और भारत में 80 व स्थान प्राप्त किया। सिगमेंरों रैंकिंग में प्लांट साइंस विभाग ने उत्तर प्रदेश में 3 और भारत में 98 वें स्थान प्राप्त किया। डाई एंड साई रैंकिंग सर्टिफिक विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है इसके अतिरिक्त यू.जी.सी कैटेगरी वन यूनिवर्सिटी एवं नैक ए प्लस प्लस ग्रेट युनिवर्सिटी पाँच वर्षों के लिए विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुकी है। नॉर्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में 6 एथलीटों ने पदक प्राप्त किए हैं ऑल इंडिया उत्तर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण और रजत पदक प्राप्त किये। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने पदक प्राप्त किए। इसी प्रकार खेलो इंडिया प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। और पदक प्राप्त किए हैं सत्र 2023-24 मे 9 सवर्ण 7 रजत एवं 9 कांस पदक खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए हैं इस सत्र में विश्वविद्यालय में 12 महत्वपूर्ण खेल प्रतिस्पर्धाएं राष्ट्रीय स्तर की आयोजित हुई हैं जिसमें नॉर्थ जोन एंटर यूनिवर्सिटी बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, इंटर कॉलेजिएट एथलेटिक्स सेपक टाकरा पुरुष एवं महिला इंटर कॉलेजिएट बैडमिंटन, योगा, बास्केट बॉल फुटबॉल, जूडो एवं शूटिंग आदि शामिल हैं। रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा समर्थ पोर्टल को प्रवेश परीक्षा परिणाम,कर्मचारियों शिक्षकों एवं अधिकारियों की अवकाश प्रोन्नति एवं सेवानिवृत्ति आदि से संबधित सभी मैनुअल द्वारा समर्थ पोर्टल भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक सत्र को जारी किया है और इसे पूर्णतया लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
माननीय राज्यपाल/कुलाधिपति की अनुमति से शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 9 नये परास्नातक पाठ्यक्रम 9 डिप्लोमा पाठ्यक्रम एव 4 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम आरंभ किये गये है। दिव्यांगजन बच्चों के लिए समर्थित संस्था जो रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा संचालित है ने इंटरमीडिएट साइंसेस ब्लाक को अनुमति मिली है जिसकी कक्षाएँ वहाँ आरंभ हो गई हैं, जल्दी ही यहां स्नातक पाठ्यक्रम आरम्भ करने की योजना है। दिव्यांगजन हेतु दिशा स्कूल एवं आर्थिक रूप से असक्षम बच्चो हेतु संचालित पं दीनानाथ मिश्रा स्कूल को विश्वविद्यालय द्वारा एक करोड रूपये की आर्थिक सहायता उनके शौक्षणिक कार्यों हेतु प्रदान की गई है।
विश्वविद्यालय द्वारा अत्यधिक उन्नत और ऑनलाइन अनुसंधान प्रबंधन प्रणाली आर.एम.एस स्थापित की गई है जहां पीएच.डी. पर्यवेक्षकों, पीएच.डी. से संबंधित सभी विवरण उपलब्ध हैं। थीसिस, प्रकाशन, परियोजनाएं, एमओयू आदि विश्वविद्यालय के पोर्टल पर उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा एवं वोकेशनल कोर्सेज के 43 नवीन पाठयक्रम अनुमोदित हो चुके है एवं 21 पाठ्यक्रम सत्र 2023-24 में प्रारम्भ भी किये जा चुके है। इससे छात्र-छात्राओं को रोजगार परक और उच्चगुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध होगी। इसी क्रम में 22 विभिन्न विषयों के पी॰एच-डी॰ शोध कार्य को भी प्रारम्भ किया जा चुका है। जिसमें कृषि, आयुर्वेद एवं इंजीनियरिंग और फार्मेसी शामिल है। इन शोध कार्यों से रूहेलखण्ड क्षेत्र को एक नई दिशा प्राप्त होगी। विश्वविद्यालय द्वारा अंशकालिक पी॰एच-डी॰ को भी आरम्भ किया गया हैै। इससें उद्योगों, प्राइवेट सेक्टर आदि को भी विश्वद्यिालय के शोध कार्यों में जोड़ा जा रहा है।
कार्यक्रम में निदेशक, बी.आर. अम्बेडकर, एनआईटी जालंधर (पंजाब) मुख्य अतिथि प्रो0 विनोद कुमार कन्नौजिया, उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री विशिष्ट आतिथ्य योगेंद्र उपाध्याय, राज्य मंत्री उच्च शिक्षा विशिष्ट आतिथ्य रजनी तिवारी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह और बड़ी संख्या में विधार्थी शोधार्थी आदि उपस्थित रहे।
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