12 ग्राम प्रधानों को टी०बी० मुक्त ग्राम घोषित होने पर महात्मा गांधी की मूर्ति एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर किया गया सम्मानित

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प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत टी0बी0 मुक्त ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधानों का सम्मान समारोह कार्यक्रम हुआ सम्पन्न 
जिलाधिकारी ने पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से बचाव हेतु पराली ना जलाने की ग्राम प्रधानों से करी अपील


बरेली। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने वर्ष-2023 में पंचायत विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग से सहयोग से जनपद बरेली की टीबी मुक्त घोषित की गई 12 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को आज दिनांक 02 अक्टूबर महात्मा गांधी जी की जयंती के अवसर पर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में टी०बी० मुक्त ग्राम घोषित होने पर ग्राम प्रधानों को बधाई दी और कहा कि इस कार्य में सीएचओ का भी महत्वपूर्ण योगदान है जो लोग अच्छा कार्य करते हैं उन्हें शासन-प्रशासन और समाज द्वारा सम्मानित किया जाता है और वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी याद किया जाता है। उदाहरण स्वरुप आज हम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को याद कर रहे हैं। बताया कि यदि टी०बी० रोगी को पौष्टिक आहार व समुचित इलाज मुहैया कराया जाये तो वह जल्द ही स्वास्थ्य हो जाते हैं।
उन्होंने मलेरिया के दृष्टिगत वातावरण को स्वच्छ रखने तथा पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से बचने के लिये पराली ना जलाने अपील की। बताया गया कि पूर्व प्रधान तथा वर्तमान प्रधान के आपसी मन-मुटाव के कारण ग्रामवासियों को परेशान होना पड़ता है और विकास प्रभावित होता है, ऐसे में पूर्व प्रधान तथा वर्तमान प्रधान यदि मिलकर कार्य करें तो ग्रामीणों का भला होगा। टी०बी० मुक्त ग्राम पंचायत (प्रथम वर्ष) घोषित होने के पर सम्बन्धित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधानों को महात्मा गांधी की कास्य रंग की मूर्ति एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में जनपद बरेली के विकास खण्ड नवाबगंज के ग्राम काशीपुर धर्मपुर, प्रेमपुर मुरारपुर, सिथरा, विकास खण्ड बहेड़ी के ग्राम हरसूनगला, भैनसिया, आमडाण्डा, रेतवाड़ा, विकास खण्ड शेरगढ़ के ग्राम खाता, नियामतपुर, ढकिया डाम, विकास खण्ड क्यारा के ग्राम ठिरिया ठुकरान तथा विकास खण्ड भुता के ग्राम कंजा चकरपुर के ग्राम प्रधान सम्मिलित रहें।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 विश्राम सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत माननीय प्रधानमंत्री जी ने वर्ष-2025 टी०बी० उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी क्रम में टी०बी० मुक्त पंचायत कार्यक्रम को देश भर में लागू किया गया है। किसी भी पंचायत को टी०बी० मुक्त घोषित करने हेतु भारत सरकार द्वारा 06 मानदण्ड लागू किये गये है, जिसके अन्तर्गत प्रति 1000 की जनसंख्या पर 30 जांचे होना, प्रति 1000 की जनसंख्या पर 01 रोगी या उससे कम, ग्राम पंचायत की उपचार सफलता दर (01 वर्ष पूर्व की) 85 प्रतिशत से अधिक हो, ग्राम पंचायत में उपचार ले रहे क्षय रोगियों की यू०डी०एस०टी० 60 प्रतिशत से अधिक हो, समस्त उपचारित क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत प्रथम किस्त का लाभ प्रदान किया गया हो तथा समस्त उपचारित क्षय रोगियों को निक्षय मित्रों के द्वारा गोद दिलाया गया हो।
जो ग्राम पंचायतें उक्त मानदण्डों को पूरा करती हैं वह टी०बी० मुक्त ग्राम पंचायत हेतु अपना दावा प्रस्तुत कर सकती हैं। उक्त के क्रम में प्राप्त दावों का मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा एक जिला स्तरीय टीम का गठन सत्यापन कराया गया, जिसमें पंचायत विभाग की ओर से डी०पी०आर०ओ० या उनके जिला स्तरीय प्रतिनिधि, मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर एवं एन०टी०ई०पी० कार्यक्रम के जिला स्तरीय को-ऑर्डिनेटर रहें। टीम के द्वारा टी०बी० मुक्त ग्राम पंचायत घोषित होने के पश्चात प्रथम वर्ष सम्बन्धित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधानों को महात्मा गांधी की कास्य रंग की मूर्ति एवं प्रशस्ति-पत्र, लगातार द्वितीय वर्ष भी टी०बी० मुक्त ग्राम पंचायत होने पर महात्मा गांधी की सिल्वर रंग की मूर्ति एवं प्रशस्ति-पत्र तथा लगातार तृतीय वर्ष भी टी०बी० मुक्त ग्राम पंचायत होने पर महात्मा गांधी की गोल्ड रंग की मूर्ति एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 विश्राम सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी, सीएचओ, ग्राम प्रधानगण सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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