आदिवासी बच्चों के सपनों को लगेंगे पंख, मिलेगी स्कूल बस सेवा

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भोपाल। अवादा फाउंडेशन ने मध्य प्रदेश के बैतूल और उज्जैन जिलों के आदिवासी इलाकों में स्थित स्कूलों के लिए दो स्कूल बसें प्रदान कर शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अभियान शुरू किया है। इन बसों के जरिए 52 गाँवों के सैकड़ों बच्चे, जो स्कूल दूर होने की वजह से पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर थे, अब आसानी से स्कूल पहुंच सकेंगे और अपने सपनों की ओर एक कदम और बढ़ा सकेंगे।

इस अवसर पर विद्यालयों में रंगारंग समारोह आयोजित किए गये। बस सेवा के बारे में बताते हुए अवादा फाउंडेशन की निदेशक ऋतु पटवारी ने कहा, “हम मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन स्कूल बसों के माध्यम से हमने बच्चों को स्कूल पहुंचने में होने वाली दिक्कतों को कम करने की कोशिश की है। हमारा विश्वास है कि शिक्षा ही बच्चों के बेहतर भविष्य की कुंजी है।”

ये स्कूल बसें बच्चों को न सिर्फ स्कूल तक ले जाएंगी, बल्कि उनके जीवन में एक नई शुरुआत भी लेकर आएंगी। अब बच्चे समय पर स्कूल पहुंच सकेंगे, जिससे उनकी पढ़ाई पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इसके अलावा, बस यात्रा के दौरान बच्चे आपस में बातचीत कर सकेंगे और नए दोस्त बना सकेंगे।

अवादा फाउंडेशन कई वर्षों से देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है। फाउंडेशन ने सरकारी स्कूलों का नवीनीकरण कर उन्हें बेहतर शिक्षण वातावरण प्रदान किया है। साथ ही, कंप्यूटर और कोडिंग का विशेष कोर्स भी शुरू किया है, जिसके तहत छात्र आठ महीने में पांच साल का पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं।

फाउंडेशन ने ‘माइंड ओपनिंग टेक्निक’ नामक एक अनूठी पहल भी शुरू की है, जिसके तहत स्कूलों की दीवारों पर पाठ्यक्रम को रोचक तरीके से चित्रित किया जाता है, जिससे बच्चे मजेदार और इंटरैक्टिव तरीके से सीख सकें।

इसके अलावा, खेल महोत्सव और समर कैंप के दौरान खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह पहल बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देने और उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अवादा फाउंडेशन शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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