आराम फरमा रहे सुरक्षाकर्मियों की दबंगई, पत्रकार और तीमारदारों से अभद्रता

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सुरक्षा के मद्देनजर जिला अस्पताल में तैनात किए गए हैं सेवानिवृत्त 21 सैनिक


सुरक्षाकर्मियों की दबंगई से परेशान मरीज और तीमारदार, पत्रकार का कैमरा देखकर भड़का


बदायूं : सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखने को लगाए गए कुछ सुरक्षाकर्मी मरीजों और तीमारदारों को परेशानी का कारण बनने लगे हैं। जो अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड की ओर जाने वाले लोगों पर रौब झाड़ते हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इमरजेंसी वार्ड से बाहर जा रहे युवक को रोककर पूछताछ करने पर पत्रकार ने फोटो खींच लिया तो कुर्सी पर आराम फरमा रहा सुरक्षाकर्मी भड़क गया। पत्रकार के साथ अभद्रता भाषा का प्रयोग करते हुए अपने साथी से पत्रकार को पीटने को डंडा तक लाने की बात कही। कहा कि अगर इमरजेंसी वार्ड की ओर जाना है तो सीएमएस से कहलवा। बिना उससे पूछे फोटो नहीं खींचने देगा। हंगामा देखकर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने मामला शांत करा दिया।
जिला अस्पताल में शासन स्तर से 21 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सेना के पूर्व सैनिकों को सैनिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से अलग-अलग अस्पतालों में तैनात किया गया है। जिला अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मी इमरजेंसी से लेकर अन्य वार्ड में भी सुरक्षा व्यवसथा देख रहे हैं। जिला अस्पताल सुरक्षा को तैनात किए सुरक्षाकर्मियों ने व्यवस्था तो बनानी शुरू की है लेकिन कुछ सुरक्षाकर्मी का अभद्र व्यवहार लोगों को परेशान करने लगा है। वह लोगों को हड़काते और धमकाते हैं। कई बार तीमारदारों से झड़प हो जाती है। बुधवार को कुछ सुरक्षाकर्मी जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड से पहले लगाए गए बैरियर पर खड़े थे। वहीं एक सुरक्षाकर्मी पास में ही कुर्सी आराम फरमा रहा था। एक महिला से बात कर रहा था। बाकी सुरक्षाकर्मियों ने वहां से गुजरने वालों से पूछताछ की। जिला अस्पताल की अच्छी व्यवस्था के चलते पत्रकार ने अपने मोबाइल के कैमरे से फोटो खींच लिया तो वह भड़क गया। अपनी दबंगई दिखाने लगा। अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए बोला ओए इधर आ। फोटो कैसे खींच रहा है। तूने मुझे फोटो खींचने के बारे में पूछा क्या। उसने कहा कि वह पत्रकार है तो बोला कि बिना हमें बताए फोटो नहीं खींच सकता। पत्रकार ने कहा कि अच्छा व्यवस्था की गई है इसलिए फोटो ले रहा है। इसके बाद भी वह चिल्लाकर अपने साथी सुरक्षाकर्मी से बोला, जरा डंडा निकालकर ला इसे बताता हूं।
पत्रकार ने कहा कि वह फोटो ही तो खींच रहा था तो वह बोला कि यह हमारी सेना का बैरियर है। हमसे अनुमति लेकर ही जाना होगा। पत्रकार ने अपना कार्ड निकालकर दिया। इसके बाद भी शांत नहीं हुआ और बोला कि क्या वह उनका अधिकारी है। कुछ देर के बाद भीड़ जमा होनी शुरू हो गई। जिसके बाद वह कुछ शांत हुआ। फिर बोला मुझसे कुर्सी से खड़ा होने बोलकर फिर फोटो लेना चाहिए था। जिसके बाद व मरीजों के लिए बैरियर खोलने लगा और पत्रकार को वहां से जाने दिया। वहीं कुछ तीमारदारों का कहना है कि जिला प्रशासन ने तो व्यवस्था अच्छी की है लेकिन कुछ सुरक्षाकर्मी लोगों को खुद से नीचा समझ रहे हैं। किसी को भी हड़काने लगते हैं। बिना वजह उन्हें परेशान किया जाता है। दूर-दराज से आए लोगों को रुकने नहीं दिया जाता।
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वर्जन…
जिला अस्पताल में पूर्व सैनिक सुरक्षा व्यवस्था देख रहे हैं। कभी-कभार भीड़ को नियंत्रित करने को सख्ती भी करनी पड़ती है लेकिन किसी से भी दुर्व्यवहार करना, अभद्रता करना ठीक नहीं है। पत्रकार स्वतंत्र हैं। व्यवस्था या अव्यवस्था देख सकते हैं। उन्हें धमकाना गलत है। अगर इस तरह की शिकायत आएगी तो संबंधित से जवाब तलब किया जाएगा।
– डॉ. कप्तान सिंह, सीएमएस, जिला अस्पताल।
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