जयंत चौधरी ने फ्रांस में भारतीय टीम के साथ मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया

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भारतीय टीम प्रतियोगिता में चौथी सबसे बड़ी टीम


मेरठ। फ्रांस के ल्योन में आयोजित हो रहे वर्ल्डस्किल्स 2024 में भारतीय टीम का मनोबल उस समय बढ़ गया, जब कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) जयंत चौधरी उनसे मिलने पहुंचे। दो दिनों के इस दौरे में मंत्री के साथ अतुल कुमार तिवारी (सचिव, एमएसडीई) भी रहे, जिन्होंने 60 प्रतिभागियों से मुलाकात की।

 

गौरतलब है कि ये प्रतिभागी रोबोटिक्स, वेब डेवलपमेन्ट, जॉइनरी, हॉस्पिटेलिटी, 3डी डिजिटल गेम आर्ट, एडिटिव मैनुफैक्चरिंग, ऑटोबॉडी रिपेयर, कैमिकल लैब टेक्नोलॉजी, क्लाउड कम्प्युटिंग, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल कन्स्ट्रक्शन और क्यूलीनरी आर्ट्स सहित 52 प्रकार के कौशल में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। मंत्री का दौरा विश्वस्तरीय कौशल के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने 60 में से हर एक प्रतिभागी के साथ व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने जर्मनी, फ्रांस, स्विट्ज़रलैण्ड, चीन और कोरिया के प्रतियोगियों के साथ मुकाबला करते हुए भारतीय प्रतिभागियों का परफोर्मेन्स देखा और विश्वस्तरीय मंच पर उनके प्रभावशाली परफोर्मेन्स पर गर्व की अभिव्यक्ति की।

 

 

प्रतिभागियों के परफोर्मेन्स को देखते हुए जयंत चौधरी ने कहा, ‘‘भारतीय टीम के प्रतिभागियों के समर्पण और जुनून से मैं बेहद प्रभावित हुआ। उनसे मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वे कड़ी मेहनत और उत्साह के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश कर रहे हैं। एक देश के रूप में हमें अपनी युवा प्रतिभा पर गर्व है। मुझे विश्वास है कि अपने शानदार परफोर्मेन्स के साथ वे जीत हासिल करेंगे और इस प्रतिष्ठित मंच पर भारत का गौरव बढ़ाएंगे।’’

 

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) जयंत चौधरी ने अन्य सदस्य देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने प्रोफेसर पॉल माविमा (एमपी) मिनिस्टर ऑफ स्किल्स ऑडिट एण्ड डेवलपमेन्ट, जिम्बाब्वे के साथ विशेष बैठक की। इस बैठक के दौरान कौशल विकास, व्यवसायिक प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में आपसी सहयोग के संभावी क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया। दोनों पक्ष इन साझेदारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिम्बाब्वे के प्रतिनिधिमंडल ने जल्द ही इन साझेदारियों को मूर्त रूप देने औरसर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के विनिमय के लिए भारत दौरे की योजना बनाई है। उन्होंने एएमबी (डेज़िग्नेट) प्रोफेसर पीटर नगुरे, युनेस्को के लिए केन्या के स्थायी प्रतिनिधि के साथ भी मुलाकात की। मुलाकात के दौरान कौशल विकास, शिक्षा एवं क्षमता निर्माण में आपसी सहयोग पर विचार-विमर्श किया गया। दोनों नेताओं ने युवाओं को भावी कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए जानकारी के आदान-प्रदान और साझेदारियों के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और केन्या के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देकर विश्वस्तरीय कौशल विकास को गति प्रदान की जा सकती है।

 

जयंत चौधरी ने क्रिस हम्फरीस, प्रेज़ीडेन्ट एवं चेयर ऑफ द बोर्ड, वर्ल्डस्किल्स इंटरनेशनल और फहार अली (सीईओ, वर्ल्डस्किल्स एशिया) तथा सैन-क्वेई लिन (बोर्ड सदस्य, स्ट्रैटेजिक डेवलपमेन्ट) के साथ भी मुलाकात की। इस चर्चा के दौरान वर्ल्डस्किल्स में भारत की स्थिति को सशक्त बनाने और भावी प्रतियोगिताओं में देश के परफोर्मेन्स में सुधार लाने के लिए आपसी सहयोग पर विचार रखे गए। श्री जयंत ने वर्ल्डस्किल्स कान्फ्रैन्स के विशेष सत्रों में भी हिस्सा लिया, इस मंच पर विश्वस्तरीय लीडर्स ने कौशल एवं व्यवसायिक शिक्षा के भविष्य पर विचार-विमर्श किया। वर्ल्डस्किल्स प्रतियोगिता में भारतीय टीम का परफोर्मेन्स देखते हुए एमएसडीई के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा, ‘‘यह एक रोमांचक अनुभव है। हमारे भारतीय उम्मीदवारों से मिलना, उनकी उर्जा, जोश और दृढ़ इरादे का देखना सही मायनों में गर्व की अनुभूति देता है। चीन, जापान, फ्रांस, जर्मनी और स्विट्ज़रलैण्ड के प्रतिभागियों के साथ मुकाबला करते हुए वे नव भारत की भावना की अभिव्यक्ति कर रहे हैं। भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप ये युवा मजबूत इरादे के साथ इनोवेशन और प्रतिस्पर्धी भावना का प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका दृढ़ विश्वास और फोकस अपने आप में बेजोड़ है। मुझे विश्वास है कि वे विश्वस्तरीय मंच पर भारत को गौरवान्वित करेंगे।’’

 

प्रतियोगिता के दौरान भारत अपनी विविध प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहा है। पंजाब से आई जान्हवी ने ग्राफिक डिज़ाइन टेक्नोलॉजी के आधुनिक उपयोग का प्रदर्शन किया। इसी तरह तेलंगाना के अश्विथा पोलिस ने पैटीसरी एण्ड कन्फेक्शनरी में अपने उत्कृष्ट कौशल का प्रदर्शन किया। उड़ीसा से आई कामिनी कुमारी राम ने पुरूष प्रभुत्व वाले क्षेत्र वेल्डिंग में हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर टेस्टिंग में अपनी महारत का प्रदर्शन कर सभी बाधाओं को पीछे छोड़ दिया। इसी तरह मिज़ोरम से एमिली वीएल थाकिमी ने फैशन टेक्नोलॉजी और मैक्सिमस लालरूतकिमा ने फ्लोरिस्टरी में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल के तूफ़ान माल ने ज्वैलरी मेकिंग में अद्भुत कौशल का प्रदर्शन किया, इसी तरह तमिलनाडु के हरीहरन अरूमुगम ने स्पीड पेंटिंग में अपनी प्रतिभा को दर्शाया। मध्य प्रदेश के राहुल विश्वकर्मा ने आधुनिक कारपेंटरी तकनीकों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, उड़ीसा के सुभ्रजीत पटरा ने रेस्टोरेन्ट सर्विस में अपने कौशल को दर्शाया। तमिलनाडु से जयसूर्या कथिरवेल सिवकुमार ने कान्क्रीट पम्प हैण्डलिंग में अपने प्रभावी कौशल का प्रदर्शन किया। अनाघा केमेनघट ने डेटासेट से 3 डी बिल्डिंग मॉडल्स बनाकर डिजिटल कन्स्ट्रक्शन में अपना कौशल दर्शाया, दर्शन गौड़ा ने मैकट्रोनिक्स में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। वर्ल्डस्किल्स कॉन्फ्रैन्स में चर्चा का विषय था ‘मुविंग टीवीईटी टू द टॉप ऑफ ग्लोबल एजेंडा’ इस सम्मेलन के दौरान दुनिया भर से आए प्रवक्ताओं ने कई सत्रों में हिस्सा लिया और कौशल, लकनीकी व्यवसायिक प्रशिक्षण के भविष्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

 

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