जीएनसी सिरसा में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर हुआ विचार गोष्ठी का आयोजन

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सिरसा: (सतीश बंसल इंसां ) :विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2003 में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की
शुरुआत की और हर वर्ष 10 सितंबर को सुसाइड प्रीवेंशन डे यानि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है
और इस वर्ष की थीम है चेंजिंग दा नॉरेटिव ऑन सुसाइड विथ कॉल टू एक्शन स्टार्ट कन्वरसेशन जिसका अर्थ है कि
अपने मन में चल रहे मिथक को तोड़कर बातचीत शुरू करनी चाहिए। यह विचार मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डा.
गुरनाम सिंह ने राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा में मनोविज्ञान विषय परिषद के तत्वावधान में आयोजित
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विचार गोष्ठी में अपने अध्यक्षीय संबोधन में व्यक्त
किए।

उन्होंने कहा कि विश्व में लगभग प्रति वर्ष लाखों लोग आत्महत्या कर रहे हैं जोकि मानवीय मृत्यु का तीसरा सबसे
बड़ा कारण है। उन्होंने कहा की जीवन में कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए और अपने आप को हमेशा आशावादी
बनाए रखना चाहिए। महाविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डा. हरविंदर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि
प्राचार्य डा. संदीप गोयल के संरक्षण, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डा. गुरनाम सिंह की अध्यक्षता व मनोविज्ञान विषय
परिषद प्रभारी प्रो. वंदना कटोच एवं डा. मीनाक्षी के संयोजन में आयोजित इस विचार गोष्ठी में प्रो. वंदना कटोच ने
उपस्थितजन का स्वागत करते हुए कहा कि आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने का सबसे बड़ा उपाय मानवीय समाज को ज़िंदगी के प्रति आशावादी होने
संबंधी जागरूकता प्रदान करना है। इस अवसर मनोविज्ञान विषय से संबंधित विद्यार्थियों संत कौर, रवीना, पूजा,
पारुल, प्रभजोत, लक्षिता, लवप्रीत इत्यादि ने भी आत्महत्या रोकथाम बारे अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के
समापन अवसर पर डा. मीनाक्षी ने उपस्थितजन के प्रति आभार व्यक्त किया। विचार गोष्ठी में डा. जगदीप सिंह, प्रो.
पूनम के अलावा मनोविज्ञान विषय से संबंधित विद्यार्थियों ने विशाल संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई।

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