सर्वे:गरीबी में दिन गुजर रही जिले में 30 हजार से ज्यादा महिलाएं

29 Views

एनआरएलएम विभाग के सर्वे में मिले चौंकाने वाले आंकड़े
तीस हजार से अधिक महिलाओं की वार्षिक आय 25 हजार से भी मिली कम


बदायूं । महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तमाम योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। जिन महिलाओं की आय काफी कम उनकी स्थिति जानने के लिए एनआरएलएम विभाग द्वारा जिले भर में सर्वे कराया गया था। जिसमें चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सर्वे के दौरान तीस हजार से अधिक ऐसी महिलाओं को चिन्हित किया गया। जो गरीबी में दिन गुजार रहीं हैं। इन महिलाओं की वार्षिक आय 25 हजार से भी कम मिली है। चिन्हित की गई महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए विभिन्न उद्यमों से जोड़ा जाएगा।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। विभाग द्वारा जिले में 19 हजार से अधिक समूह का गठन कर उन्हें आर्थिक सहायता देकर रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। हाल के दिनों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग की ओर से जिले में दो लाख से अधिक ऐसे महिलाओं का सर्वे कराया गया जो जिनकी आय अलग है। सर्वे के दौरान विभागीय कर्मचारियों द्वारा महिलाओं की अलग-अलग आय वर्ग की सूची तैयार की गई। सर्वे के दौरान विभागीय कर्मचारियों द्वारा तैयार की गई सूची में 25 हजार रुपये से कम वार्षिक आय वाली 30163 महिलाओं के नाम शामिल किए गए। सर्वे के बाद करीब 30 हजार महिलाओं की मामूली आय मिलने के बाद कर्मचारियों द्वारा सूची विभागीय अधिकारी को सौंपी गई। जिसे देखने के बाद अधिकारी भी दंग रह गए। इसके बाद विभाग की ओर से इसकी सूचना विकास विभाग लखनऊ को भेज दी गई थी। साथ ही उपायुक्त एनआरएलएम द्वारा कम आय वर्ग की महिलाओं की आय बढ़ाने के निर्देश कर्मचारियों को दिए गए। उपायुक्त से निर्देश पर विभाग के कर्मचारी एक लाख के आसपास वार्षिक आय वाली महिलाओं के साथ ही कम आय वर्ग वाली महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए योजना तैयार की जा रही है। इन महिलाओं को समूह से संचालित विभिन्न उद्यमों से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने की कवायद चल रही है।

महिलाओं को लखपति दी बनाने की चल रही तैयारी
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा  11 हजार से अधिक ऐसी महिलाओं का भी चयन किया गया है जिनकी आय 25 हजार से 50 वार्षिक के बीच है। उन्हें विभिन्न उद्योमों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे उन्हें लखपति दी बनाया जा सके।

महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की कवायद चल रही है। इसके लिए सर्वे कराया गया था। जिसमें करीब तीस हजार से अधिक महिलाओं की आय 25 हजार से भी कम मिली है। सबसे कम आय वर्ग वाली महिलाओं को स्वरोजगार के विभिन्न उद्यमों से जोड़ने की योजना तैयार की जा रही है। उद्यमों से महिलाओं को जोड़कर उनकी आय बढ़ाई जाएगी।

ब्रजेश शुक्ला, उपायुक्त स्वता रोजगार 

Share News