सात साल से बरेली में थैलेसीमिया बच्चों के जीवन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं: रामाशीष यादव 

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नाथ नगरी रक्तदान सेवा ट्रस्ट ने थैलेसीमिया ग्रस्त रोगियों की मदद की अपील की


बरेली। प्रत्येक वर्ष 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त रोग है इस रोग के कारण मानव शरीर में रक्त निर्माण के कार्य में गड़बड़ी होने से रोगी को बार-बार रक्त चढ़ना पड़ता है। थैलेसीमिया एक क्रमिक ब्लड डिसऑर्डर है यह एक अनुवांशिक विकार है। पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में चलता रहता है। इस रोग में शरीर में रेड ब्लड सेल नहीं बन पाते और जो थोड़े बन पाते हैं वह केवल अल्पकाल तक ही रहते हैं जिसके कारण रोगी के आरबीसी में हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है और वह एनीमिया का शिकार हो जाता है इस बीमारी में रोगी को महीने में दो से तीन यूनिट ब्लड की आवश्यकता पड़ती है। ऐसा न करने पर बच्चा जीवित नहीं रह सकता है। थैलेसीमिया से ग्रसित रोगी के परिवार वालों की सबसे बड़ी समस्या महीने में 2 से 3 यूनिट ब्लड की व्यवस्था करना जीवन और मृत्यु के समान होता है रिश्ते नातेदार सभी धीरे-धीरे मुंह मोड़ने लगते हैं।
भारत में हर साल लगभग 10000 थैलेसीमिया बच्चे पैदा होते हैं। नाथ नगरी रक्तदान सेवा ट्रस्ट (रजिo.), बरेली संस्थापक/ सचिव प्रसिद्ध समाजसेवी रामाशीष(आशीष यादव) ने राज्य में थैलेसीमिया को रोकने के लिए शादी से पहले थैलेसीमिया जांच अनिवार्य करने के कानून बनाने की मांग की है साथ ही गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को थैलेसीमिया की जांच अनिवार्य करने की मांग तथा बरेली के साथ साथ प्रदेश के जितने जिला अस्पताल है उसमे जीवन रक्षा हेतु थैलेसीमिया केयर सेंटर की मांग की है।
नाथ नगरी रक्तदान सेवा ट्रस्ट के  संस्थापक रामाशीष (आशीष यादव) के अनुसार में पिछले 7 साल से बरेली में थैलेसीमिया बच्चों के जीवन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
भारत में थैलेसीमिया के लाखों मरीज है अधिक संख्या के कारण पूरे विश्व में भारत को थैलेसीमिया की राजधानी कहा जाता है। इस बीमारी के कारण अधिकतर मरीज 20 वर्ष की आयु भी पूरी नहीं कर पाते हैं। सरकार ने थैलेसीमिया से ग्रसित रोगी के लिए ब्लड केंद्र से निशुल्क ब्लड उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है परंतु रक्त केंद्रों में रोगी के ब्लड ग्रुप ना होने के कारण रोगी को ब्लड मिलने में बहुत असुविधा होती है इसीलिए 8 मई को इस थैलेसीमिया दिवस पर मानवता के लिए हम सभी अपने आसपास के रक्त केंद्रों में जाकर रक्तदान करें यही ऐसा स्थान है जहां पर जाति और धर्म मानवता के सामने बौने दिखाई देते हैं।
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