कैसे करते थे फर्जीवाड़ा?
यह गिरोह फर्जी कागजात तैयार कर लोन लेकर या बीमा क्लेम पास कराकर ट्रैक्टर बेच देता था। पहले ये आरोपी ट्रैक्टरों के नकली दस्तावेज बनाते, फिर बैंक से लोन या बीमा कंपनी से क्लेम लेते और बाद में ट्रैक्टरों को अलग-अलग राज्यों में बेच देते। इस तरह ये गिरोह कई लोन और बीमा कंपनियों को लाखों रुपये का चूना लगा चुका था।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई
संभल पुलिस को इस गिरोह के बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर थाना बहजोई पुलिस ने एक विशेष ऑपरेशन चलाकर इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा किया। पुलिस की टीम ने गिरोह के चार सदस्यों को धर दबोचा और उनके पास से भारी संख्या में ट्रैक्टर और दस्तावेज बरामद किए।
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ जारी
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ की जा रही है, जिससे इस गिरोह के अन्य साथियों और नेटवर्क का भी पता लगाया जा सके। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गैंग ने अब तक कितने ट्रैक्टर बेचे और कितनी कंपनियों को धोखा दिया।
एसपी संभल का बयान
एसपी संभल ने बताया कि यह एक संगठित गिरोह था, जो लोन और बीमा कंपनियों को निशाना बनाकर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा कर रहा था। पुलिस की इस कार्रवाई से एक बड़े धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है और अन्य संदिग्धों पर भी नजर रखी जा रही है।
संभल पुलिस की इस कार्रवाई से जिले में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोहों के खिलाफ कड़ा संदेश गया है। पुलिस अब इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है, ताकि ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सके।
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