सीतापुर। लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर शनिवार को एक सनसनीखेज वारदात में महोली तहसील के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी (35) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। परिजनों ने हत्यारों की गिरफ्तारी तक अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि धान खरीद घोटाले को उजागर करने के बाद उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं। पुलिस ने मामले की जांच के लिए चार टीमें गठित की हैं।
वारदात का पूरा घटनाक्रम
महोली के विकास नगर कॉलोनी निवासी राघवेंद्र बाजपेयी एक दैनिक समाचार पत्र में संवाददाता थे। परिजनों के मुताबिक, दोपहर करीब तीन बजे उनके मोबाइल पर एक फोन आया, जिसके बाद वह बाइक से सीतापुर जिला मुख्यालय के लिए निकले। इमलिया सुल्तानपुर क्षेत्र में हेमपुर ओवरब्रिज पर अज्ञात बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी।
गंभीर हालत में पुलिस टीम उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंची, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के दौरान उनके शरीर से गोलियां निकाली गईं।
पुलिस ने छह लोगों को उठाया, दो सरकारी कर्मी भी शामिल
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके में सीसीटीवी फुटेज खंगालने और मोबाइल कॉल डिटेल्स खंगालने का काम शुरू कर दिया। सूत्रों के अनुसार, बदमाशों को राघवेंद्र की सटीक लोकेशन की जानकारी थी, जिससे संदेह गहरा गया है कि हत्या पूर्व नियोजित थी।
रात करीब 10:30 बजे आईजी रेंज प्रशांत कुमार द्वितीय सीतापुर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, जिनमें दो सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।
सीसीटीवी और कॉल रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस
पुलिस ने राघवेंद्र के घर से लेकर घटनास्थल और आगे के रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। इसके साथ ही, उनके मोबाइल की कॉल डिटेल भी निकाली जा रही है।
परिजनों का कहना है कि हत्या से पहले राघवेंद्र के मोबाइल पर सीतापुर से फोन आया था। आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों ने उन्हें घर से निकलते ही ट्रैक करना शुरू कर दिया था और सुनसान ओवरब्रिज पर वारदात को अंजाम दिया।
परिजनों ने किया अंतिम संस्कार से इनकार
परिजनों ने साफ कहा है कि जब तक पुलिस हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं करती, तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पत्रकार की हत्या से क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है।
पुलिस ने गठित की चार टीमें
सीतापुर एसपी चक्रेश मिश्रा ने बताया कि क्राइम ब्रांच समेत चार पुलिस टीमों को इस हत्याकांड की जांच में लगाया गया है। कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और अन्य बिंदुओं पर पड़ताल जारी है। राघवेंद्र का मोबाइल फोन अनलॉक करने के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है।
धान खरीद घोटाले से जुड़ सकता है मामला
राघवेंद्र बाजपेयी ने धान खरीद घोटाले और जमीनों की हेराफेरी को लेकर कई खबरें प्रकाशित की थीं। पुलिस इन एंगल्स पर भी जांच कर रही है और घोटाले में संलिप्त लोगों को शक के दायरे में लिया गया है।
पत्रकार संगठनों ने की न्याय की मांग
इस निर्मम हत्या के बाद पत्रकार संगठनों ने हत्या की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। मामले को लेकर पत्रकारों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
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