एसआईटी जांच में खुलासा सेवा समाप्त, एफआईआर और वेतन वसूली के आदेश
उन्नाव:बांगरमऊ ब्लॉक के नेवल प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक प्राची कटियार की नौकरी फर्जी दस्तावेजों के सहारे पाई गई थी। एसआईटी और डीएम स्तर की जांच में यह खुलासा हुआ, जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने शिक्षिका की सेवा समाप्त कर दी। साथ ही, खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और वेतन की रिकवरी के आदेश दिए गए हैं।
शिकायत के बाद खुली पोल
करीब डेढ़ वर्ष पहले सविता देवी नामक महिला ने एसआईटी कार्यालय, गोमतीनगर, लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई थी कि प्राची कटियार असल में रत्ना कटियार पुत्री अशोक कुमार कटियार हैं। आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपनी पहचान बदलकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक की नौकरी हासिल की।
शिकायत के आधार पर जब एसआईटी ने जांच शुरू की, तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। प्राची कटियार की वास्तविक पहचान रत्ना कटियार निकली, जिन्होंने अलग-अलग स्कूलों और कॉलेजों से दो बार हाईस्कूल, दो बार इंटरमीडिएट और दो बार स्नातक की परीक्षा पास की थी।
कैसे किया शिक्षिका ने फर्जीवाड़ा?
पहली बार असली पहचान से की पढ़ाई
- 2003 में बांगरमऊ के दुर्गेश्वर विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से हाईस्कूल (अनुक्रमांक-0834840)
- 2005 में अटवा बैक के विवेकानंद इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट (अनुक्रमांक-0436494)
- 2008 में इंदिरा गांधी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से बीएससी (द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण, संस्थागत छात्रा के रूप में पढ़ाई)
- इस दौरान उनकी जन्मतिथि 20 सितंबर 1990 दर्ज थी।
फिर बदल ली पहचान और बनाए नए अभिलेख
- 2011 में हरदोई के काजीपुर फरहतनगर स्थित विमला देवी रवींद्र कुमार इंटर कॉलेज से दोबारा हाईस्कूल (अनुक्रमांक-1310885)।
- 2013 में सुखनखेड़ा रसूलपुर के शेख अब्दुल जब्बार पब्लिक इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट (अनुक्रमांक-0908737)।
- 2016 में हरदोई के कासिमपुर स्थित संतोष कुमार महाविद्यालय से स्नातक (अनुक्रमांक-3049378)।
- 2018 में सरोसी के मनोहरलाल महाविद्यालय से बीटीसी पूरी की (अनुक्रमांक-181300256)।
- इस बार जन्मतिथि 10 अगस्त 1993 दर्ज कराई गई।
2020 में मिली शिक्षक की नौकरी
फर्जी अभिलेखों के सहारे प्राची कटियार (रत्ना कटियार) को 16 अक्तूबर 2020 को नियुक्ति पत्र मिला और 17 अक्तूबर 2020 को बीएसए कार्यालय में उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया। 2 नवंबर 2020 को उन्हें बांगरमऊ के नेवल प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती मिली, जहां वह लगभग तीन वर्षों तक सेवा में रहीं।
एसआईटी जांच में हुआ खुलासा, डीएम ने गठित की कमेटी
जब एसआईटी ने अभिलेखों की गहन जांच की, तो शिक्षिका की असली पहचान सामने आ गई। इस रिपोर्ट को 31 अक्तूबर 2023 को डीएम कार्यालय को सौंपा गया। डीएम ने इसकी गंभीरता को देखते हुए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की, जिसमें एडीएम, एसपी दक्षिणी और बीएसए शामिल थे।
इस कमेटी की जांच में भी शिकायत सही पाई गई। दोनों जांच रिपोर्टों के आधार पर 5 मार्च 2024 को शिक्षिका की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया गया।
एफआईआर और वेतन वसूली के आदेश
बीएसए संगीता सिंह ने बताया कि बीईओ को निर्देश दिया गया है कि शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसके साथ ही, उन्होंने जो वेतन फर्जी तरीके से प्राप्त किया, उसकी रिकवरी की जाएगी।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
- शिक्षिका के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी दस्तावेजों की कूटरचना के तहत मुकदमा दर्ज होगा।
- वेतन वसूली की प्रक्रिया शुरू होगी।
- भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षकों की नियुक्तियों में दस्तावेजों की अधिक सख्त जांच की जाएगी।
फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत
शिक्षा विभाग द्वारा फर्जी शिक्षकों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस मामले में हुई कार्रवाई ने संकेत दिया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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