मथुरा। नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर को शुक्रवार को मथुरा जिले के थाना सुरीर क्षेत्र में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। जब वे अपने काफिले के साथ करनावल से गांव भगतिया नगला जा रहे थे, तभी परशोती घड़ी इलाके में ग्रामीणों ने उनका रास्ता रोक लिया और नारेबाजी करने लगे। विरोध बढ़ता देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और समर्थकों ने मोर्चा संभाला और किसी तरह सांसद को सुरक्षित वहां से निकाला।
क्या है पूरा मामला?
सांसद चंद्रशेखर किसी निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करनावल से भगतिया नगला जा रहे थे। जैसे ही उनका काफिला परशोती घड़ी पहुंचा, वहां मौजूद ग्रामीणों ने अचानक उन्हें घेर लिया। स्थानीय लोगों ने जमकर नारेबाजी की और उनकी गाड़ी को घेरने की कोशिश की।
सूत्रों के मुताबिक, ग्रामीण किसी विशेष मुद्दे को लेकर नाराज़ थे और अपनी मांगों को लेकर सांसद का विरोध कर रहे थे। हालांकि, विरोध के पीछे के सटीक कारणों की पुष्टि नहीं हो सकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे क्षेत्र में विकास कार्यों की अनदेखी और सांसद की निष्क्रियता से नाराज़ थे।
कैसे संभाली गई स्थिति?
विरोध बढ़ता देख सांसद के साथ मौजूद पुलिस बल और समर्थकों ने तुरंत हरकत में आते हुए भीड़ को शांत कराने की कोशिश की। लेकिन जब मामला बिगड़ता नजर आया, तो सुरक्षा बलों ने सांसद को उनकी गाड़ी में सुरक्षित बिठाया और काफिले को वहां से बाहर निकाला।
मौके पर तैनात पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया था, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। पुलिस के मुताबिक, विरोध कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया गया और मामले की जांच की जा रही है।
प्रशासन और सांसद का बयान
घटना के बाद पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं होने दी गई। स्थानीय प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि विरोध के पीछे क्या कारण थे और किन लोगों ने इसमें भाग लिया।
वहीं, सांसद चंद्रशेखर ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि यह विरोध कुछ असंतुष्ट लोगों द्वारा किया गया और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया जा रहा है।
क्या हो सकता है आगे?
इस घटना ने मथुरा के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विरोध के पीछे अगर स्थानीय मुद्दे हैं, तो सांसद चंद्रशेखर को जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझना होगा। वहीं, यदि यह किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, तो आने वाले दिनों में इसके और भी राजनीतिक रंग लेने की संभावना है।
फिलहाल, प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और यह देखना होगा कि सांसद चंद्रशेखर इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
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