प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के छठे और अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर संगम नगरी में आस्था और श्रद्धा का जनसागर उमड़ पड़ा। पुण्यलाभ के लिए लाखों श्रद्धालु आधी रात से ही संगम तट की ओर बढ़ने लगे और सुबह होते-होते गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में डुबकी लगाने वालों की संख्या करोड़ों तक पहुंच गई। मेला प्रशासन के अनुसार, मंगलवार रात 8 बजे तक 1.30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके थे, जबकि बुधवार सुबह 6 बजे तक यह आंकड़ा 40 लाख पार कर गया था। इसके साथ ही महाकुंभ में अब तक कुल स्नानार्थियों की संख्या 65 करोड़ से अधिक हो चुकी है।
श्रद्धालुओं का उत्साह, जयघोष से गूंजा प्रयागराज
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर संगम स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से पहुंचे हैं। सिर पर गठरी, कंधे पर झोला लिए भक्तजन संगम की ओर बढ़ते नजर आए। पूरे प्रयागराज में हर-हर महादेव, जय गंगा मैया और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष से माहौल भक्तिमय हो गया। संगम जाने वाले सभी रास्ते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से खचाखच भरे हैं।
त्रिवेणी बांध, अरैल, झूंसी, दारागंज और अन्य सभी प्रमुख स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है। संगम क्षेत्र में आस्था की ऐसी लहर दौड़ रही है कि लोग पुण्यकाल की प्रतीक्षा किए बिना ही स्नान कर रहे हैं।
हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा, प्रशासन ने किए विशेष इंतजाम
महाशिवरात्रि स्नान के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। संगम तट पर हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई, जिससे भक्तों का उत्साह और भी बढ़ गया। स्नान पर्व को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के हजारों कर्मचारी तैनात हैं।
65 करोड़ पार श्रद्धालु, ऐतिहासिक बना महाकुंभ 2025
मंगलवार तक 64.77 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके थे, और अब महाशिवरात्रि स्नान के साथ यह आंकड़ा 65 करोड़ के पार पहुंच चुका है। यह संख्या महाकुंभ को ऐतिहासिक और भव्य बना रही है। संगम क्षेत्र में जगह-जगह साधु-संतों के शिविरों में धार्मिक प्रवचन हो रहे हैं, जहां श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो रहे हैं।
अध्यात्म और आस्था का महासंगम
महाशिवरात्रि पर संगम में डुबकी लगाने से लेकर शिवालयों में जलाभिषेक करने तक, हर ओर भक्ति का सागर उमड़ा हुआ है। नागा संन्यासियों, अखाड़ों के महंतों और देशभर से आए श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को और पावन बना दिया है।
संगम नगरी प्रयागराज में इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से लोग उमड़े हैं। महाशिवरात्रि स्नान के साथ ही महाकुंभ का समापन हो रहा है, लेकिन भक्तों की आस्था की गूंज लंबे समय तक बनी रहेगी।
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