संभल: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर संभल जिले के नखासा के खग्गू सराय मोहल्ले में स्थित प्राचीन कार्तिकेय शिव मंदिर के द्वार 46 साल बाद खुल गए। इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए भक्तों का मंदिर में तांता लग गया। बीजेपी जिला अध्यक्ष हरेंद्र रिंकू ने अपनी पत्नी संग मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक व पूजा-अर्चना की।
400 साल पुराना मंदिर, 46 साल से बंद थे द्वार
स्थानीय इतिहास के अनुसार, यह कार्तिकेय शिव मंदिर लगभग 400 साल पुराना है और इसे हिंदू समुदाय की आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद मंदिर के द्वार बंद हो गए थे और इसके बाद धीरे-धीरे यह मंदिर अतिक्रमण की चपेट में आ गया। मंदिर में वर्षों से कोई पूजा-अर्चना नहीं हो रही थी और इसका अस्तित्व लगभग मिटने की कगार पर था।
प्रशासन की कार्रवाई से हुआ मंदिर का पुनरुद्धार
हाल ही में प्रशासन द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने और बिजली चोरी के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान इस मंदिर का पता चला। जब खुदाई की गई तो मंदिर के गर्भगृह में भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और भगवान कार्तिकेय की प्राचीन मूर्तियाँ भी प्राप्त हुईं। इसके बाद हिंदू संगठनों और स्थानीय श्रद्धालुओं की मांग पर प्रशासन ने मंदिर को फिर से खोलने की अनुमति दी।
महाशिवरात्रि पर भव्य आयोजन, श्रद्धालुओं में उत्साह
मंदिर के खुलने के बाद पहली महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला। हजारों की संख्या में भक्तों ने मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक, भजन-कीर्तन और विशेष पूजा की। भक्तों के अनुसार, मंदिर का पुनः खुलना आस्था की जीत है और यह ऐतिहासिक क्षण हमेशा याद रखा जाएगा।
भविष्य में मंदिर के पुनर्निर्माण की योजना
स्थानीय प्रशासन और हिंदू संगठनों का कहना है कि मंदिर के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई जा रही है। इसमें मंदिर के गर्भगृह के पुनर्निर्माण, प्राचीन मूर्तियों के संरक्षण और मंदिर परिसर के विस्तार के लिए विशेष कार्य किया जाएगा।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया
मंदिर खुलने से क्षेत्र के हिंदू समुदाय में खुशी की लहर है। एक स्थानीय श्रद्धालु पंडित रमेश शर्मा ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि यह मंदिर दोबारा खुलेगा। यह हमारे लिए भगवान शिव का आशीर्वाद है। “मंदिर के खुलने से संभल के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। प्रशासन, श्रद्धालु और हिंदू संगठनों का सहयोग इस मंदिर को एक बार फिर से आस्था का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
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