आंवला/ बरेली। तहसील क्षेत्र के एक लेखपाल तेजपाल गंगवार के खिलाफ ₹2 लाख रिश्वत मांगने, फर्जी मुकदमे दर्ज कराने और पीड़ित को धमकाने के आरोप लगे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) की अदालत ने थाना अलीगंज, जिला बरेली को लेखपाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला बरेली जिले के अलीगंज थाना क्षेत्र का है, जहां किसान (पीड़ित) ने आरोप लगाया है कि लेखपाल तेजपाल गंगवार और उसके सहयोगियों ने उसे फर्जी मुकदमों में फंसाने की साजिश रची।
आरोपों के मुख्य बिंदु:
- ₹2 लाख रिश्वत की मांग – पीड़ित किसान के अनुसार, लेखपाल तेजपाल गंगवार ने उसकी जमीन से जुड़े मामले को निपटाने के लिए ₹2 लाख की रिश्वत मांगी थी।
- फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी – जब किसान ने रिश्वत देने से इनकार किया, तो लेखपाल ने पुलिस पर दबाव डालकर उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए।
- फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए – पीड़ित के खिलाफ धारा 180, 87, 85 के तहत झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए।
- फोन कॉल के जरिए धमकियां –
- 26 नवंबर 2024 से 4 दिसंबर 2024 के बीच किसान को लगातार धमकी भरे फोन कॉल आए।
- उसे झूठे मामलों में फंसाने, जेल भेजने और जान से मारने की धमकियां दी गईं।
- धमकियों में कहा गया कि अगर वह जमीन के विवाद से पीछे नहीं हटता, तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा।
- पुलिस प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली –
- जब पीड़ित ने पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई, तो कोई सुनवाई नहीं हुई।
- पुलिस पर आरोप है कि लेखपाल के दबाव में आकर उसने कोई कार्रवाई नहीं की।
न्यायालय की कार्यवाही और आदेश
पुलिस से कोई मदद न मिलने के कारण पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
न्यायालय ने पुलिस की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया और पाया कि –
- लेखपाल द्वारा ₹2 लाख की रिश्वत मांगने के स्पष्ट साक्ष्य मौजूद हैं।
- आरोप प्रथम दृष्टया सत्य प्रतीत होते हैं।
- लेखपाल और उसके सहयोगियों ने पीड़ित को धमकाने और झूठे मुकदमे दर्ज कराने की साजिश रची।
इसके बाद, विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) ने थाना अलीगंज, जिला बरेली को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश:
- धारा 173(4) बी.एस.एस.एस. के तहत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया गया।
- थाना अलीगंज के प्रभारी को लेखपाल तेजपाल गंगवार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया।
- लेखपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार, धमकी और फर्जी मुकदमों की साजिश के आरोपों की निष्पक्ष जांच के आदेश।
- जांच पूरी कर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने का निर्देश।
क्या होगा आगे?
अब पुलिस को लेखपाल तेजपाल गंगवार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करनी होगी।
- यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो लेखपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, धमकी, फर्जी मुकदमों की साजिश और अन्य धाराओं में कानूनी कार्रवाई होगी।
- प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाते हुए लेखपाल को निलंबित भी किया जा सकता है।
इस मामले में न्यायालय के आदेश से पीड़ित किसान को राहत मिली है। यह आदेश यह भी दर्शाता है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार और आम जनता को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश को अदालत गंभीरता से ले रही है।
अब देखना यह होगा कि पुलिस कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और क्या दोषियों को कड़ी सजा मिलती है या नहीं।
(यह रिपोर्ट न्यायालय के आदेश और संबंधित दस्तावेजों पर आधारित है। मामले की जांच जारी है और आगे की जानकारी पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर दी जाएगी।)
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