मुंबई: आज के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत बन चुका है। महंगे होते इलाज और बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के बीच, हेल्थ इंश्योरेंस लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, जब किसी व्यक्ति को अपने इलाज के खर्च की प्रतिपूर्ति (रीइम्बर्समेंट) के लिए हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम फाइल करना होता है, तो अक्सर यह प्रक्रिया जटिल लगती है।
बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंस की हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन टीम के प्रमुख भास्कर नेरुरकर ने रीइम्बर्समेंट हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि यदि पॉलिसीधारक गैर-नेटवर्क अस्पताल में इलाज कराता है, तो उसे पहले खुद खर्च उठाना पड़ता है और बाद में बीमा कंपनी से रीइम्बर्समेंट प्राप्त करना होता है। इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स को फॉलो करना आवश्यक है।
रीइम्बर्समेंट क्लेम के लिए जरूरी स्टेप्स
1. इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करें
क्लेम प्रोसेस की शुरुआत इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करने से होती है। जैसे ही आप अस्पताल में भर्ती होते हैं या इलाज शुरू कराते हैं, आपको जल्द से जल्द अपनी बीमा कंपनी को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। यह सूचना आप कस्टमर केयर हेल्पलाइन, ईमेल, मोबाइल ऐप या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दे सकते हैं।
इस डिजिटल प्रक्रिया से पेपरवर्क कम होता है और क्लेम प्रोसेसिंग तेज़ होती है। एक बार जब आप क्लेम दर्ज कर लेते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपको क्लेम रेफरेंस नंबर प्रदान करती है, जो आगे की प्रक्रिया में काम आता है।
2. आवश्यक दस्तावेज जमा करें
इलाज पूरा होने के बाद, पॉलिसीधारक को 30 दिनों के भीतर सभी आवश्यक दस्तावेज इंश्योरेंस कंपनी को जमा करने होते हैं। इनमें शामिल हैं:
इंश्योरेंस पॉलिसी डॉक्यूमेंट – यह प्रमाणित करता है कि आप बीमित हैं।
भरा हुआ क्लेम फॉर्म – यह फॉर्म इंश्योरेंस कंपनी से प्राप्त किया जा सकता है और इसे सही-सही भरना आवश्यक है।
अस्पताल के बिल और भुगतान की रसीदें – सभी मेडिकल खर्चों का पूरा ब्योरा।
डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट – डॉक्टर द्वारा जारी प्रमाणपत्र जिसमें इलाज की जानकारी हो।
डायग्नोस्टिक रिपोर्ट्स – एक्स-रे, एमआरआई, ब्लड टेस्ट आदि की रिपोर्ट।
डिस्चार्ज समरी – अस्पताल द्वारा प्रदान किया गया डिस्चार्ज लेटर।
प्री-प्रिंटेड कैंसल्ड चेक – ताकि क्लेम राशि सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जा सके।
यह सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज पूरी और सही जानकारी के साथ जमा किए जाएं, क्योंकि किसी भी गलती या अधूरी जानकारी के कारण क्लेम रिजेक्ट हो सकता है या उसमें देरी हो सकती है।
3. इंश्योरेंस कंपनी द्वारा क्लेम रिव्यू और अप्रूवल
दस्तावेज जमा करने के बाद, इंश्योरेंस कंपनी आपकी क्लेम रिक्वेस्ट की जांच करती है। यह प्रक्रिया कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक चल सकती है। यदि किसी अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता होती है, तो बीमा कंपनी आपसे संपर्क कर सकती है।
कंपनी यह जांचती है कि क्लेम पॉलिसी के नियमों के अनुसार मान्य है या नहीं। क्लेम अप्रूव होने के बाद, आपको सूचित किया जाता है कि आपकी कितनी राशि मंजूर हुई है।
4. रीइम्बर्समेंट राशि का भुगतान
क्लेम अप्रूव होने के बाद, बीमा कंपनी निर्धारित राशि को पॉलिसीधारक के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देती है। यह प्रक्रिया 7 से 15 कार्य दिवसों में पूरी हो सकती है, जो कंपनी की पॉलिसी और दस्तावेजों की वेरिफिकेशन पर निर्भर करती है।
क्लेम रिजेक्शन से बचने के लिए ध्यान देने योग्य बातें
- इंश्योरेंस कंपनी को सही समय पर सूचित करें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज पूरे और सही जमा करें।
- क्लेम फॉर्म में गलत जानकारी न भरें।
- अस्पताल के बिल और मेडिकल रिपोर्ट्स सुरक्षित रखें।
- अपनी पॉलिसी के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
डिजिटल प्रक्रिया से हुआ क्लेम आसान
भास्कर नेरुरकर ने बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस पहले से ज्यादा तेज़ और आसान हो गया है। इंश्योरेंस कंपनियां अब मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से डॉक्यूमेंट सबमिशन, क्लेम स्टेटस ट्रैकिंग और कस्टमर सपोर्ट की सुविधा प्रदान कर रही हैं। इससे कस्टमर को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और उनका अनुभव बेहतर होता है।
निष्कर्ष
रीइम्बर्समेंट हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम को समझना और सही प्रक्रिया अपनाना हर पॉलिसीधारक के लिए जरूरी है। सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ क्लेम फाइल करने से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि आपको जल्द से जल्द आपका पैसा वापस मिल जाए। हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए जागरूकता और सही प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।
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