घटना का विवरण
पीड़ित महिला कामाक्षी सागर मेरठ के न्यायिक क्षेत्र में जज हैं। 14 दिसंबर 2024 को आरोपी ने उन्हें फोन कर अपनी पहचान सिविल जज और न्यायिक अधिकारी के रूप में दी। उसने महिला जज को यह दावा करते हुए झूठे मुकदमों और दबाव में लाने की धमकी दी।
आरोपी ने व्हाट्सएप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके फर्जी दस्तावेज, न्यायिक प्रमाणपत्र, और झूठे परिचय पत्र भेजे। उसने खुद को प्रभावशाली बताते हुए कहा कि वह “Himanshu Group of Company” का मालिक है। इसके जरिए उसने महिला जज को डराने और पैसे ऐंठने की कोशिश की।
आरोपी की हरकतें
- फर्जी परिचय पत्र और दस्तावेज:
आरोपी ने फर्जी न्यायिक दस्तावेज और प्रमाणपत्र दिखाए, जो इस बात को सिद्ध करने की कोशिश थे कि वह न्यायपालिका में एक प्रभावशाली व्यक्ति है। - ब्लैकमेलिंग:
आरोपी ने महिला जज और उनके परिवार को धमकाते हुए कहा कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वह उनके खिलाफ झूठे मुकदमों का सहारा लेगा। - सोशल मीडिया का दुरुपयोग:
आरोपी ने सोशल मीडिया पर महिला जज को निशाना बनाते हुए उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी। उसने व्हाट्सएप पर फर्जी जानकारी और धमकियां भेजीं।
पुलिस कार्रवाई
महिला जज ने मेरठ के स्थानीय थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद आरोपी की पहचान की और उसके ठिकाने पर छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी के पास से निम्नलिखित वस्तुएं बरामद की गईं:
- फर्जी न्यायिक दस्तावेज
- नकली पहचान पत्र
- धमकी भरे संदेशों के रिकॉर्ड
- सोशल मीडिया पर भेजे गए फर्जी बायोडेटा और प्रमाणपत्र
आरोपी का मकसद
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी ने न्यायपालिका से जुड़े अन्य व्यक्तियों को भी निशाना बनाया है। वह लोगों को अपने फर्जी प्रभाव का झांसा देकर ठगने का काम करता था।
महिला जज का बयान
कामाक्षी सागर ने कहा,
“यह घटना मेरे लिए बेहद तनावपूर्ण थी। मैंने अपने करियर में कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस तरह के फर्जीवाड़े और धमकियों का सामना करना पड़ेगा। मैं पुलिस की त्वरित कार्रवाई के लिए आभारी हूं। लेकिन ऐसे मामलों से महिला जजों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।”
पुलिस का बयान
मेरठ पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया,
“आरोपी ने बड़े पैमाने पर लोगों को ठगने की योजना बना रखी थी। उसने महिला जज को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया। उसके खिलाफ सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।”
न्यायपालिका की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने न्यायपालिका से जुड़े व्यक्तियों, विशेष रूप से महिला जजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे मामले न केवल उनके पेशेवर जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि मानसिक तनाव का भी कारण बनते हैं।
निष्कर्ष
यह मामला इस बात को उजागर करता है कि फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी के जरिए अपराधी किस हद तक जा सकते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने आरोपी को पकड़ लिया, लेकिन यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे फर्जी लोगों से सतर्क रहें। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।
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