तिरुपति में भगदड़: वैकुंठ एकादशी टोकन वितरण के दौरान छह की मौत, कई घायल

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तिरुपति। आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार शाम को एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह हादसा भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के वार्षिक वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टोकन लेने आए भक्तों के बीच भगदड़ मचने से हुआ।

 

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा वैकुंठ एकादशी के विशेष अवसर पर दर्शन टोकन वितरण के लिए तिरुपति के बैरागीपट्टेडा क्षेत्र में स्थित एमजीएम हाई स्कूल में काउंटर लगाए गए थे। बुधवार सुबह से ही देशभर से आए हजारों भक्त काउंटर पर कतारबद्ध हो गए। जैसे-जैसे समय बीता, भीड़ बढ़ती गई और स्थिति अनियंत्रित होने लगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाम को एक महिला भक्त की तबीयत खराब हो गई, जिससे गेट खोलकर उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई। लेकिन गेट खुलते ही भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।

 

मृतकों और घायलों का हाल

भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए इसे “दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों को बेहतर चिकित्सा सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया।

 

वैकुंठ द्वार दर्शनम और सुरक्षा चूक

वैकुंठ द्वार दर्शनम, जो 10 जनवरी से शुरू होने वाला था, एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस आयोजन के दौरान सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के विशेष इंतजाम किए जाते हैं। हालांकि, इस बार भारी भीड़ को संभालने में टीटीडी प्रशासन और पुलिस नाकाम रही।

 

टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने घटना पर अफसोस जताते हुए कहा, “हमने दर्शन टोकन वितरण के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए थे, लेकिन अप्रत्याशित भीड़ और महिला भक्त की तबीयत खराब होने के कारण स्थिति बिगड़ गई। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपाय किए जाएंगे।”

इस घटना के बाद प्रशासनिक चूक और सुरक्षा इंतजामों की कमी पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों में भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों और बेहतर योजनाओं का उपयोग करना अनिवार्य है। तिरुपति में हुई भगदड़ की यह घटना धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर करती है। प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चेतावनी है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

 

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