UPI यूजर के लिए नए साल से बड़े बदलाव: जानें नए नियम और सुविधाएं

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 जनवरी 2025 से UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) लेन-देन को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए कई नए नियम लागू करने की घोषणा की है। इन बदलावों का उद्देश्य डिजिटल भुगतान प्रणाली को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और व्यापक बनाना है। आइए, इन नई सुविधाओं और नियमों पर विस्तार से चर्चा करें।

 

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा UPI नियमों में बदलाव (लागू तिथि: 1 जनवरी 2025)

 

1. UPI123Pay की लेन-देन सीमा में वृद्धि

 

पहले की सीमा: ₹5,000 प्रतिदिन

 

नई सीमा: ₹10,000 प्रतिदिन

 

लाभ:

 

फीचर फोन उपयोगकर्ताओं को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता।

 

ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन।

 

 

विशेषज्ञ टिप्पणी: यह कदम उन उपयोगकर्ताओं के लिए मददगार होगा जो स्मार्टफोन का उपयोग नहीं करते।

 

 

2. स्मार्टफोन UPI लेन-देन की विशेष सीमा

 

सामान्य सीमा: ₹1 लाख प्रतिदिन

 

विशेष उपयोग मामलों के लिए सीमा: ₹5 लाख (जैसे कॉलेज फीस, अस्पताल बिल आदि)

 

लाभ:

 

बड़े भुगतान सरल और त्वरित होंगे।

 

समय और संसाधनों की बचत।

 

 

विशेषज्ञ टिप्पणी: यह कदम बड़े भुगतान को सुगम बनाने में सहायक होगा।

 

3. UPI सर्कल फीचर का विस्तार

 

पहले: केवल BHIM ऐप पर उपलब्ध।

 

अब: सभी UPI-सपोर्टेड प्लेटफॉर्म्स पर लागू।

 

मुख्य विशेषताएं:

 

1. सर्कल प्रबंधन:

 

परिवार या दोस्तों को सर्कल में जोड़ने की सुविधा।

 

सेकेंडरी उपयोगकर्ता बिना बैंक खाता जोड़े भुगतान कर सकते हैं।

 

 

 

2. प्राइमरी उपयोगकर्ता नियंत्रण:

 

खर्च सीमा तय करने का अधिकार।

 

लेन-देन को पूर्ण करने के लिए UPI पिन का उपयोग।

 

 

 

3. डेलीगेशन विकल्प:

 

पूर्ण स्वतंत्रता (Full Delegation): सेकेंडरी उपयोगकर्ता सीमा के भीतर स्वतंत्र रूप से लेन-देन कर सकते हैं।

 

आंशिक स्वतंत्रता (Partial Delegation): लेन-देन प्राइमरी उपयोगकर्ता द्वारा सत्यापित होगा।

 

नियम और शर्तें:

 

सदस्यों की संख्या: 1 प्राइमरी उपयोगकर्ता और अधिकतम 5 सेकेंडरी उपयोगकर्ता।

 

लेन-देन सीमा:

 

प्रति लेन-देन: अधिकतम ₹5,000

 

मासिक सीमा: ₹15,000

 

 

सुरक्षा उपाय: पासकोड और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य।

 

4. नए नियमों के संभावित प्रभाव

 

1. डिजिटल समावेशन:

 

फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए सीमा वृद्धि।

 

ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा।

 

 

 

2. सुरक्षा और सुविधा:

 

UPI सर्कल में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और पासकोड।

 

 

 

3. विशेष भुगतान में सरलता:

 

बड़े लेन-देन के लिए सीमा वृद्धि से समय की बचत।

 

 

5. विशेषज्ञों की राय

 

डॉ. अशोक वर्मा (डिजिटल पेमेंट विशेषज्ञ):

“UPI सर्कल फीचर छोटे व्यवसायों और परिवारों के लिए लाभकारी होगा।”

 

रेणुका शर्मा (फिनटेक एनालिस्ट):

“UPI123Pay की सीमा बढ़ाने से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल समावेशन होगा।”

 

विकास चौहान (वित्तीय सलाहकार):

“विशेष लेन-देन सीमा का विस्तार UPI के उपयोग को व्यापक बनाएगा।”

 

निष्कर्ष

 

1 जनवरी 2025 से लागू यह बदलाव भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली

को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल, सुरक्षित, और समावेशी बनाएगा। ये उपाय डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

 

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