बरेली। नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर नियुक्त अयोग्य कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए हुए घोटाले के बाद अब प्रिंटर खरीदारी में भी बड़ी अनियमितता सामने आई है। एक महीने पहले टैक्स विभाग के लिए छह चाइनीज प्रिंटर 58,000 रुपये प्रति प्रिंटर की दर से खरीदे गए थे, जबकि इनकी असल बाजार कीमत केवल 18,000 रुपये थी। ऑडिट टीम ने जब इन प्रिंटरों की गुणवत्ता की जांच की, तो पता चला कि ये नामी कंपनियों के बजाय घटिया चाइनीज और लोकल प्रिंटर थे, जो दोगुने रेट पर खरीदे गए थे।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इन प्रिंटरों की खरीदारी में कुछ कंप्यूटर ऑपरेटरों का हाथ था, जो हिंदी टाइपिंग में अयोग्य होने के बावजूद विभाग में काम कर रहे थे। इन ऑपरेटरों ने अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर प्रिंटर खरीदने का प्रस्ताव तैयार किया। इसके बाद, फर्जी बिल लगाकर भुगतान का प्रयास किया गया। जब यह गोलमाल पकड़ में आया, तो टैक्स विभाग में हड़कंप मच गया।
ऑडिट टीम ने इस घोटाले के बाद प्रिंटरों के भुगतान पर रोक लगा दी है, और नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने टैक्स विभाग से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। विभाग के अधिकारियों और कंप्यूटर ऑपरेटरों के खिलाफ जांच जारी है।
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