दिल्ली: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके नेतृत्व में आयोग अब मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के कार्यों को नई दिशा देगा। यह नियुक्ति ऐसे समय में की गई है, जब देश में मानवाधिकारों के मुद्दे अहम चर्चा का विषय बने हुए हैं।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने नवंबर 2022 में भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल समाप्त किया था, और उनकी न्यायपालिका में दीर्घकालिक और महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने न्यायिक स्वतंत्रता, संविधान की मर्यादा और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। उनकी यह नियुक्ति आयोग के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन 1993 में किया गया था और इसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके उल्लंघन के मामलों की जांच करना है। आयोग के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का कार्यकाल मानवाधिकारों के मामलों में एक नई सशक्त दिशा देने का अवसर होगा।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ के द्वारा पहले किए गए न्यायिक कार्यों की समीक्षा करें तो उन्होंने समलैंगिकता के मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया, महिलाओं के अधिकारों के पक्ष में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए और संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत कई महत्वपूर्ण आदेश दिए।
इस नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि NHRC के अध्यक्ष के रूप में उनके अनुभव और दूरदृष्टि से आयोग के कार्यों में सुधार होगा और यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए अधिक प्रभावी रूप से काम करेगा।
इस नियुक्ति के बाद अब मानवाधिकारों से जुड़ी संवेदनशील मुद्दों पर उनकी भूमिका और दृष्टिकोण का पूरे देश को इंतजार है।
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