लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बिल्डर्स से मिलीभगत कर अवैध निर्माण करवाने के मामले में एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के 17 अभियंता फंस गए हैं। एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इनमें से सात अभियंताओं को निलंबित करने और नौ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।
एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव के अनुसार, बिल्डर अमर अग्रवाल और उनके सहयोगियों ने 1 जनवरी 2022 से 12 मई 2023 के बीच इंदिरानगर के चांदन गांव में 25 बीघा जमीन पर अवैध प्लॉटिंग करवाई। इस दौरान एक मंजिला मकानों का निर्माण कर 26 परिवारों को वहां बसाया गया था। शिकायत के बाद मामले की जांच की गई और विहित प्राधिकारी न्यायालय से ध्वस्तीकरण के आदेश प्राप्त होने के बाद प्रवर्तन जोन-5 की टीम ने अवैध निर्माण को सील कर दिया।
इस मामले में बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। बिल्डर ने इस आदेश के खिलाफ मंडलायुक्त न्यायालय में अपील की, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। साथ ही, जिन एलडीए अभियंताओं की लापरवाही से अवैध निर्माण हुआ, उनके खिलाफ भी जांच की गई।
जांच में पाया गया कि प्रवर्तन जोन-5 में तैनात अभियंता इस अवैध निर्माण में शामिल थे। इन अभियंताओं में सहायक अभियंता वीरेंद्र प्रताप मिश्रा, शीतल प्रसाद, राहुल वर्मा, अवर अभियंता रवि शंकर राय और अन्य शामिल हैं। इन्हें निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। वहीं, प्रवर्तन जोन-6 में तैनात अभियंताओं के निलंबन की सिफारिश की गई है।
इसके अलावा, अन्य क्षेत्रों जैसे हजरतगंज और जानकीपुरम में भी अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया। एलडीए के अधिकारियों ने मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी है, और आगे की कार्रवाई जारी है।
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