दिल्ली। देशभर के किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर राजधानी दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। यह प्रदर्शन किसान संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में हो रहा है। किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कहा है कि किसानों की समस्याओं का हल दिल्ली से ही निकलेगा, क्योंकि देश के सभी कानून वहीं बनते हैं।
क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें?
किसान इस बार भूमि अधिग्रहण पर उचित मुआवजा, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, और बकाया भुगतान जैसी समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा, “जब तक इन मुद्दों का समाधान नहीं होगा, तब तक किसान शांत नहीं बैठेंगे। यह लड़ाई केवल किसान की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है, जो कृषि और देश की समृद्धि पर निर्भर है।”
प्रशासन की कड़ी तैयारी
दिल्ली पुलिस और प्रशासन ने किसानों के मार्च को देखते हुए सीमाओं पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। गौतमबुद्ध नगर के अतिरिक्त आयुक्त शिवहरि मीणा ने बताया कि “हमने तीन स्तरीय सुरक्षा योजना बनाई है। पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी और एक हजार पीएसी जवान तैनात किए गए हैं।” पुलिस लगातार किसानों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
संभल की घटना पर टिकैत का बयान
इस बीच, संभल की एक बड़ी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “विपक्ष का काम है कि पीड़ितों से मिले और समस्या को सरकार के सामने रखे। समस्या का हल निकालना जरूरी है, न कि किसी के वहां जाने से खतरा पैदा होता है।” किसानों का कहना है कि देश की राजधानी में प्रदर्शन करने से उनकी आवाज ज्यादा प्रभावी ढंग से सुनी जाती है। टिकैत ने कहा, “दिल्ली में बैठकर ही सरकार ने पिछले आंदोलनों को समझा और कानून वापस लिए। इस बार भी हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं।”
More Stories
रामानुजन की जयंती पर चेतराम हरियाणा इंटर कॉलेज डिबाई में विशेष कार्यक्रम आयोजित
दिल्ली पुलिस ने करोल बाग के सुनार समेत 10 लोगों को किया गिरफ्तार, अवैध क्रिकेट सट्टेबाज़ी के मॉड्यूल का भंडाफोड़
राज्यसभा में अमित शाह के बयान पर चंद्रशेखर आजाद की प्रतिक्रिया, “जय भीम” को लेकर किया कटाक्ष