बरेली के एक निजी अस्पताल में इलाज कराने गई एक शिक्षिका की डॉक्टर की कथित लापरवाही से मौत का गंभीर मामला सामने आया है। पीलीभीत के न्यूरिया थाना क्षेत्र की रहने वाली 22 वर्षीय मिनी रस्तोगी को पेट दर्द की शिकायत के बाद उनके पिता पांच नवंबर को बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए थे।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना सही जांच रिपोर्ट का इंतजार किए, मिनी की छोटी आंत का ऑपरेशन कर दिया। रिपोर्ट में पेट में ट्यूमर की पुष्टि हुई, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। 22 नवंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
लापरवाही और शोषण के गंभीर आरोप
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही और आर्थिक शोषण का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मिनी के पास आयुष्मान कार्ड था, फिर भी उनसे भारी रकम वसूली गई। मौत के बाद जब इलाज की रिपोर्ट मांगी गई तो अस्पताल प्रबंधन ने देने से इनकार कर दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर वीडियोग्राफी कराई है। परिजनों ने संबंधित डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर दी है। मिनी के परिवार ने डॉक्टर पर जानबूझकर गलत इलाज करने और आर्थिक लाभ के लिए मरीज की जान लेने का आरोप लगाया है। परिजनों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और न्याय की मांग की है।
चिकित्सा जगत पर सवाल
यह घटना चिकित्सा जगत में संभावित लापरवाही और मरीजों के साथ हो रहे आर्थिक शोषण की गंभीर स्थिति को उजागर करती है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से अपेक्षा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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