वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) को उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह एमओयू स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, बीएचयू और शिक्षा मंत्रालय के बीच हुआ है।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत, आईएमएस, बीएचयू को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय आईएमएस को अनुदान प्रदान करेगा। यह पहल वाराणसी और इसके आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
लोगों को होंगे ये बड़े फायदे:
1. गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं: अब मरीजों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाएं घर के पास ही मिल सकेंगी।
2. रेफरल की आवश्यकता में कमी: स्थानीय स्तर पर उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होने से मरीजों को दूसरे शहरों में भेजने की जरूरत कम होगी।
3. रोगियों की संतुष्टि में सुधार: अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञ सेवाओं से मरीजों का अनुभव बेहतर होगा।
सरकार का ‘संपूर्ण दृष्टिकोण’:
यह एमओयू विभिन्न मंत्रालयों के संयुक्त प्रयास को दर्शाता है, जो मिलकर देश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके तहत न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी बड़े सुधार होंगे। यह कदम वाराणसी को देश के शीर्ष स्वास्थ्य केंद्रों में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वस्थ भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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