अयोध्या। शहर के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में फायर सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। छह साल पहले स्थापित मेडिकल कॉलेज को अब तक फायर एनओसी (नॉन-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) नहीं मिल पाई है। फायर ऑडिट के दौरान कई खामियां पाई गई हैं, जिससे मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों की जान खतरे में है।
खामियां उजागर, लेकिन सुधार नहीं
अग्निशमन विभाग ने फायर ऑडिट में कमियां चिन्हित कर कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी किया है। पिछले तीन वर्षों में विभाग की ओर से तीन बार नोटिस दिए गए, लेकिन इनमें सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्पताल संचालित है, जहां हर दिन बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। फायर सुरक्षा में खामियां होने से किसी अप्रिय घटना का खतरा हमेशा बना हुआ है।
2019 में हुई थी स्थापना
मेडिकल कॉलेज की स्थापना वर्ष 2019 में हुई थी। बावजूद इसके, कॉलेज में फायर सुरक्षा के मानकों का अनुपालन नहीं किया गया। अग्निशमन विभाग ने बार-बार चेतावनी के बावजूद कॉलेज प्रशासन पर किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी निभाने का आरोप लगाया है।
मरीजों की सुरक्षा पर संकट
मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फायर सुरक्षा बेहद जरूरी है। वर्तमान स्थिति में अगर कोई आगजनी की घटना होती है, तो इससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हो सकता है।
अधिकारियों की कार्रवाई पर सवाल
अग्निशमन विभाग द्वारा खामियां चिन्हित करने और नोटिस भेजने के बावजूद मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की तत्परता नहीं दिखाई गई है। यह सवाल खड़ा करता है कि प्रशासन और संबंधित विभाग मरीजों की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं।
तत्काल सुधार की जरूरत
फायर एनओसी प्राप्त करने के लिए फायर सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है। अधिकारियों को तत्काल इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि किसी संभावित हादसे से बचा जा सके।
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