कार्यवाई: दीपमाला अस्पताल पीएम जन आरोग्य योजना की सूची से बाहर

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डॉ सोमेश मेहरोत्रा का मरीज और तीमारदारों से अभद्रता का वीडियो हुआ था वायरल


सीएमओ ने वायरल वीडियो का लिया संज्ञान, जांचोपरांत लिया एक्शन


अस्पताल के विरुद्ध शासकीय कारवाई तय


बरेली। दीपमाला हॉस्पिटल, बरेली में संचालक/प्रबंधक द्वारा मरीज एवं उसके तीमारदारों से अभद्रता करने एवं आयुष्मान भारत योजना के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग कर सरकार की योजनाओं का दुष्प्रचार करने संबंधी वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली द्वारा दो सदस्यीय टीम का गठन किया और उक्त प्रकरण की गहनता से जांच कराई। प्रारंभिक जाँच में संचालक के दोषी प्रतीत होने पर दीपमाला हॉस्पिटल को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत दीपमाला हॉस्पिटल की सूचीबद्धता निरस्त किये जाने की संस्तुति दी गई है।

भास्कर टुडे द्वारा वायरल वीडियो का प्रमुखता से किया गया था प्रसारण


वायरल वीडियो देखने के लिए निचे दिए गए ब्लू लिंक पर क्लिक करें : https://youtu.be/ZlmWKTgmePI?si=WKHTFU01C83qC3_A

शीघ्र ही उक्त चिकित्सालय के विरुद्ध शासकीय नियमों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की जायेगी, ताकि भविष्य में सरकार की योजनाओं के प्रति दुष्प्रचार व मरीजों एवं उनके तीमारदारों के साथ अभद्र व्यवहार की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

दरअसल दो दिन पहले सोशल मीडिया पर दीपमाला अस्पताल के डॉ सोमेश मेहरोत्रा का एक विडियो सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें वह मरीज और उसके तीमारदारों से अभद्रता एवं आश्चर्यजनक बातें कर रहे थे।

वायरल वीडियो में डॉक्टर तीमारदार से यह कहते सुने जा रहे हैं कि फ्री में तुम्हें इलाज नहीं, धोखा मिलेगा। नाटक करेंगे.. हम इलाज कर रहे हैं। जो हाथ चलने लगा है, वो भी जिंदगी में नहीं चलेगा। तुम्हारा इंसान फ्री में सही हो जाए। फ्री वाले इलाज में तो कभी सही नहीं होगा। जिस अस्पताल को 22 सौ रुपये मिल रहे हैं, वो छह हजार का इंजेक्शन क्यों लगाएगा। 22 सौ रुपये में वह इलाज होता है, जो जिला अस्पताल में होता है। चूरन चटनी की गोली खिला दो बस।

दीपमाला अस्पताल के डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा का कहना था कि आयुष्मान योजना सरकार की जन कल्याणकारी योजना है, लेकिन इसमें सभी इलाज की दरें तय हैं। ऐसा नहीं है कि एक बीमारी पर पूरे पांच लाख रुपये लगा दिए जाएं। मरीज पहुंचने के बाद आयुष्मान कार्ड लगाकर अनुमति ली जाती है, फिर इलाज शुरू होता है। अगर अचानक कोई मरीज आ जाए और कार्ड का अप्रूवल न मिले तो दिक्कत होती है। जिस इंजेक्शन को लगाने की बात कह रहा हूं, वह अप्रूवल से पहले का मामला है लेकिन लड़का समझने को तैयार नहीं था। डॉक्टर ने कहा कि मैंने जो बोला वह फ्रस्ट्रेशन में बोला है। सरकार या जनप्रतिनिधियों से मेरी कोई शिकायत नहीं है। बीते चार माह में आयुष्मान कार्ड से इलाज के बाद बिल का अब तक भुगतान नहीं हुआ है।

लेकिन चिकित्सा प्रशासन द्वारा प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांचोपरांत डॉ सोमेश मेहरोत्रा के दोषी पाए जाने के बाद दीपमाला अस्पताल को प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत की सूची से बाहर कर दिया है। और अस्पताल के विरुद्ध शासकीय नियमों विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

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