नोएडा। भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक इंडियन बैंक ने लॉन्ग-टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी करके 5,000 करोड़ रुपये जुटाए है। बैंक को 5,000 करोड़ रुपये (2,000 करोड़ रुपये का बेस इश्यू और 3,000 करोड़ रुपये तक ओवरसब्सक्रिप्शन बनाए रखने के लिए ग्रीनशू ऑप्शन) के कुल इश्यू साइज के मुकाबले 15,925 करोड़ रुपये की कुल 90 बोलियां मिलीं।
इंडियन बैंक ने 7.12 प्रतिशत प्रति वर्ष के कूपन पर 5,000 करोड़ रुपये की बोलियां स्वीकार कीं। बैंक ने कहा कि दीर्घावधि अवसंरचना बांडों के निजी प्लेसमेंट को कुल निर्गम आकार के लगभग 3.19 गुना पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। यह रणनीतिक कदम भारतीय बैंक द्वारा ऋण वृद्धि और अवसंरचना परियोजनाओं के पुनर्वित्तपोषण के लिए संसाधन जुटाने के प्रयासों का हिस्सा है। इन प्रतिभूतियों के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को वैधानिक तरलता अनुपात और नकद आरक्षित अनुपात बनाए रखने की नियामक आवश्यकता से छूट दी गई है। ये बांड सीनियर, रेटेड, सूचीबद्ध, असुरक्षित, रिडीमेबल, दीर्घावधि पूर्ण रूप से चुकता गैर-परिवर्तनीय बांड हैं, जिनकी आबंटन की तिथि से 10 वर्ष की निश्चित परिपक्वता है। इन बांडों का आबंटन 25 अक्टूबर 2024 को हुआ। बांडों को क्रिसिल और केयर द्वारा स्थिर दृष्टिकोण के साथ एएए रेटिंग दी गई है।
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