राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया स्थापना दिवस विजया दशमी उत्सव शौर्य का प्रतीक

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महानगर में निकला आज पन्द्रह स्थानों पर पथ संचलन

 

हर संचलन कार्यक्रम में समाज के जागरूक लोगों ने पुष्प वर्षा कर अभूतपूर्व स्वागत किया

 

विजयादशमी पर आरएसएस का शस्त्र पूजन, स्वयंसेवकों ने किया पथ संचलन, राष्ट्र को मजबूत करने के लिए समाज को एकता का दिया संदेश

 

मुरादाबाद । असत्य पर सत्य की विजय, अधर्म पर धर्म की विजय का एवम शौर्य का प्रतीक विजय दशमी उत्सव संघ के स्वयंसेवक कौन है बड़े उत्साह पूर्वक मनाया। विजयादशमी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस भी है इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने विजयदशमी पर पीतल नगरी, गोविंद नगर, कटघर, कृष्ण नगर, हनुमान नगर, अर्जुन नगर, दीनदयाल नगर, रामगंगा विहार नगर, हिमगिरी नगर, काशीराम नगर, बुद्धि विहार नगर, प्रकाश नगर, केजीके नगर, नया मुरादाबाद, महादेव नगर एवम शिवाजी नगर में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया और शस्त्र पूजन किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि नवरात्रि नारी पूजा व शक्ति का प्रकटीकरण का दिवस है। पांडवों ने नवरात्रि की समाप्ति पर ही पुनः शस्त्र धारण किए। दुनिया में शक्तिशाली की बात सब सुनते हैं कमजोर की बात कोई नहीं सुनता। जंगल की आग में हवा भी सहयोग करती है वहीं हवा दीपक को बुझा देती है। उन्होंने कहा कि यज्ञ, गाय, सज्जन शक्ति, मंदिर की रक्षा के लिए राम के रूप में युवा शक्ति की जरूरत थी। अतः रावण के विरुद्ध विश्वामित्र द्वारा दशरथ से राम की मांग की गई। उस विषम परिस्थिति को देखते हुए राम ने प्रतिज्ञा की थी। निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह। राम ने वनवासी समाज, आदिवासियों को संगठित किया।

 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस आज अपने 99 वर्ष पूरे कर चुका है सौवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हिंदी तिथि के मुताबिक विजयादशमी के दिन ही 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी.इस अवसर पर वक्ताओं ने युवाओं का आह्वान कि वह अपनी संस्कृति पर गर्व करें और प्रत्येक घर में अपनी संस्कृति को पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाएं। संघ प्रमुख पूज्य मोहन भागवत के उस बयान पर सेकुलरों और राजनीतिक दलों की चिन्ता को अनावश्यक ठहराते हुए कहा कि उनका बयान शास्त्र सम्मत है। इसमें कुछ गलत नहीं है।

 

“त्रेतायां मन्त्रशक्तिश्च ज्ञानशक्तिः कृतेयुगे।

द्वापरे युद्धशक्तिश्च संघशक्तिः कलौ युगे॥”

त्रेता युग में मन्त्र शक्ति, सत्ययुग में ज्ञान शक्ति तथा द्वापर में युद्ध शक्ति प्रमुख बल था, किन्तु कलियुग में संगठन की शक्ति ही प्रधान है।इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रांत व्यवस्था प्रमुख अजय गोयल सुगंध, विभाग प्रचारक बृजमोहन, विभाग संघचालक सुरेन्द्र पाल सिंह, विभाग प्रचार प्रमुख पवन कुमार जैन, महानगर संघचालक डॉ विनीत गुप्ता, महानगर कार्यवाह विपिन चौधरी, महानगर प्रचारक रोहित कुमार, ओमप्रकाश शास्त्री, देवेश सिंह, अनिल कुमार, डा. काव्य सौरभ जेमिनी, संदीप सिंघल, कमलकांत राय, सुभाष शर्मा, निर्मल मेहता, रवि पांडेय, आशुतोष कुमार, नमन जैन, “बाल स्वयंसेवक इवान जैन एवम दीप शर्मा की जोड़ी” सानू कुमार, आशाराम, उम्मेदराज पुरोहित, विवेक गुप्ता, शलभ सक्सेना, हंसराज सैनी, संजय भटनागर, संजय सिंह, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

 

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