आई-क्यू आई हॉस्पिटल्स अपनी हैसटैग आईज ऑन द फ्यूचर अभियान के तहत सहारनपुर में वंचित बच्चों का फ्री आई चेकअप किया

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सहारनपुर: देश के सबसे बड़े सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में से एक ‘आई-क्यू’ ने वर्ल्ड विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक दिल को छू लेने वाली पहल की। संगठन ने सहारनपुर स्थित क्रेजी ग्रीन सोसाइटी एनजीओ में रह रहे वंचित बच्चों के लिए फ्री आई चेकअप का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य वर्ल्ड साइट डे की थीम “लव योर आइज किड्स” के तहत बच्चों की आंखों की सेहत के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसके लिए जरूरी कदम उठाने के प्रयास महत्व को उजागर करना था।

आई-क्यू के फाउंडर और सीएमडी डॉक्टर अजय शर्मा ने बताया, आंखों की जांच अभियान के तहत की गई, जिसका उद्देश्य वंचित समुदायों तक आंखों की देखभाल के लिए जरूरी सेवाएं पहुंचाना। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे अक्सर आंखों की नियमित जांच से वंचित रह जाते हैं, जिससे उनमें आंखों से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसका असर उनके विकास और शिक्षा पर पड़ सकता है। इससे बच्चों को रिफ्रेक्टिव एरर, एम्ब्लियोपिया और स्ट्रैबिस्मस जैसी दृष्टि समस्याओं का ज्यादा जोखिम होता है। इन समस्याओं को नजर अंदाज किए जाने से बच्चों में उनकी शिक्षा और विकास बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। इन चुनौतियों को पहचानते हुए आई-क्यू ने फैसला किया है कि इन बच्चों को आंखों से जुड़ी जरूरी देखभाल मिल सके।

आई-क्यू के फाउंडर और सीएमडी डॉक्टर अजय शर्मा ने इस तरह की पहलों से पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘सहारनपुर जैसे वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में काफी बाधाएं होती हैं। इन समुदायों के बच्चों के लिए आंखों से जुड़ी जरूरी देखभाल के लिए सेवाओं में कमी उनके विकास और शिक्षा में रुकावट डाल सकती है। समय पर सपोर्ट मिलना या चश्मे मिल जाने से उनकी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इससे उनकी शिक्षा, सामाजिक भागीदारी और भविष् को बेहतर किया जा सकता है। डॉ. शर्मा ने कहा, ‘आंखों के देखभाल सेवाओं को बेहतर बनाने का हमारा मिशन केवल एक बार के आयोजनों से परे है। हर पहल, हर बच्चे की देखभाल करना एक समावेशी समाज की ओर एक कदम है, जहां स्वास्थ्य सेवा एक अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं। हम आंखों की देखभाल के लिए सेवाओं को बेहतर और सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि कोई भी पीछे न छूटे।’

आई-क्यू के आई स्पेशलिस्ट की एक टीम ने बच्चों की आंखों का चेकअप किया। इस पहल का असर साफ नजर आया क्योंकि कई बच्चों को पहली बार सुधारात्मक लेंस मिले, जिससे उनके सीखने और विकास के नए अवसर खुले। आई-क्यू जरूरतमंदों का समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे लोग जिन्हें दृष्टि से संबंधित समस्याओं के लिए ज्यादा सपोर्ट की जरूरत है, उन्हें पूरा सपोर्ट और स्थितियों के अनुसार व्यक्तिगत देखभाल मिल सके।

क्रेजी ग्रीन के फाउंडर अजय सिंघल ने कहा, ‘हर बच्चे का अधिकार है कि वह दुनिया को स्पष्ट रूप से देखे और अपने अवसरों को पूरा करे। इस पहल के जरिए आंखों की देखभाल तक पहुंचने में आने वाली सभी बाधाओं को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। समस्या का जल्दी पहचान करने से सही इलाज में मदद मिल सकती है और बच्चों की शिक्षा और आगे की जिंदगी को सफल बनाया जा सकता है। अगर दृष्टि समस्याओं का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे बच्चे के समग्र विकास पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उसका आत्मविश्वास, सीखने की क्षमता और सामाजिक मेलजोल प्रभावित होते हैं। हमें विश्वास है कि आंखों से जुड़ी जरूरी देखभाल सेवाएं प्रदान करके हम इन बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य बना सकते हैं, जिससे उन्हें अपने संभावनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। हम आई-क्यू के साथ इस महत्वपूर्ण सेवा को अपने बच्चों तक पहुंचाने के लिए उनके साथ सहयोग करने पर गर्व महसूस करते हैं।

2010 में स्थापित क्रेज़ी ग्रीन एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जो सहारनपुर और आस-पास के क्षेत्रों में गरीब समुदायों के लोगों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहा है। यह संगठन पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और वंचित महिलाओं व बच्चों के लिए काम कर रहा है। इसके मिशन में पेड़ लगाना, जल संरक्षण, इलाज योग्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान करना, और वंचितों को शिक्षा देना शामिल है। क्रेज़ी ग्रीन सोसाइटी ने अपने अपनी जमीनी पहलों के जरिए अनगिनत जीवन को बेहतर बनाया है।

आई-क्यू का उद्देश्य आंखों की देखभाल सेवाओं को बेहतर बनाना इस आयोजन से कहीं अधिक बड़ा है। 17 से अधिक वर्षों की विरासत और 1 करोड़ से अधिक मरीजों का उपचार करने वाला आई-क्यू आउटरीच प्रोग्राम जैसे फ्री आई चेकअप कैंप, डोर टू डोर आई चेकअप और हेल्थ अवेयरनेस चला रहा है। आई-क्यू के वर्तमान में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और अन्य क्षेत्रों में 30 से अधिक सुपर-स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल हैं। आई-क्यू साल 2027 तक 7 नए अस्पताल स्थापित करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।

आई-क्यू सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल के बारे में

आई-क्यू सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल (आई-क्यू विजन प्राइवेट लिमिटेड) की स्थापना 2007 में हुई थी। इसके हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में 30 से ज्यादा सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल हैं। इनके अलावा अफ्रीका के नाइजीरिया में भी तीन हॉस्पिटल हैं। आई-क्यू किफायती कीमतों पर हाई कौलिटी वाली आंख देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है, जो एक आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित इकाई के रूप में काम करता है। आई-क्यू के संस्थापक और सीएमडी डॉ। अजय शर्मा के नेतृत्व में और देश के शीर्ष अस्पतालों से आए हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ, आई-क्यू मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए वचनबद्ध है। आई-क्यू का लक्ष्य भारत का सबसे बड़ा आंखों का अस्पताल बनना है, जहां मरीजों को बेहतर इलाज मिले और सबसे ज्यादा मरीज आएं। आई-क्यू का मिशन है कि हर मरीज उनके अस्पताल का ब्रांड एंबेसडर बने। इसके लिए वे आंखों के इलाज में सबसे अच्छी तकनीक का इस्तेमाल करेंगे और मरीजों को पूरा ध्यान देंगे। ज्यादा जानकारी के लिए आप आई-क्यू इंडिया की वेबसाइट देख सकते हैं।

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