जमीन पर कब्जे के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठा ग्रामीण-तीन कॉलम

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दबंगों ने काटे पेड़, खेत पर किया कब्जा, पीड़ित की नहीं सुनी फरियाद


कलेक्ट्रेट पर शुरू की भूख हड़ताल, अधिकारियों ने नहीं ली सुध


बदायूं: खेत में खड़े पेड़ काट लेने और जमीन पर कब्जा करने के विरोध में एक ग्रामीण कलेक्ट्रेट पर भूख हड़ताल पर बैठ गया है। बीमार सिस्टम से शिकायत करने के बाद जब सुनवाई नहीं हुई तो दबंगों पर कार्यवाही करने की मांग को लेकर पीड़ित ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। फिर भी प्रशासनिक अधिकारियों ने उसकी सुध नहीं ली है। ग्रामीण की हालत बिगड़ती जा रही है।

थाना मूसाझाग क्षेत्र के ग्राम थल्लिया नगला निवासी प्रताप सिंह अपनी जमीन पर खेतीबाड़ी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था। उसके पैतृक खेत में कुछ पेड़ खड़े थे। उक्त पेड़ गांव के ही कुछ दबंगों ने एक महीना पूर्व हजारों रुपए कीमत के पेड़ काट लिये। उसके बाद किसान के उसी खेत पर कब्जा कर लिया। पीड़ित प्रताप सिंह ने दबंगों की शिकायत गांव के कुछ लोगों से की। किसी ने उसकी मदद नहीं की, जिसके बाद वह थाना पुलिस के पास गया। वहां से भी पीड़ित को डांट फटकार कर भगा दिया गया। गरीब किसान ने तहसील दिवस में अपनी समस्या रखी और खेत वापस दिलाए जाने की मांग की । लेकिन तहसील दिवस में दिए गए शिकायती पत्र को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। उसने थाना दिवस में भी दबंगों की करतूत को बताया और न्याय दिलाने की गुहार की। मगर प्रताप सिंह को कहीं से भी न्याय नहीं मिला। परेशान होकर दो दिन पूर्व वह कलेक्ट्रेट स्थित मालवीय आवास गृह पर भूख हड़ताल पर बैठ गया।

पीड़ित किसान ने रविवार को बताया कि दबंग उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी रहे हैं।  भूख हड़ताल खत्म करने का दबाव डाला जा रहा है। पीड़ित को गांव में किसी की मदद नहीं मिली इसलिए वह अंतिम विकल्प के रूप में भूख हड़ताल पर बैठा है।
प्रताप सिंह ने कहा कि जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता तब तक वी यहीं पर बैठा रहेगा। भी तक प्रशासन का कोई अधिकारी सुध लेने को नहीं आया है।

भूख हड़ताल पर बैठे किसान की हालत बिगड़ने लगी है। कमजोरी के चलते वह अब बैठ भी नहीं पा रहा है। परिवार वाले उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। परिजन जिला प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगा  रहे हैं। दबंगों के दबाव में कार्यवाही न करने की बात कही जा रही है।

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