नई दिल्ली: मानहानि केस में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी को बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है। हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद दोनों नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आपराधिक मानहानि का मामला बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने साल 2019 में दर्ज किया था और आरोप लगाया था कि आप नेता बीजेपी को बदनाम कर रहे हैं।
केजरीवाल और आतिशी के उस बयान यह मुकदमा दायर किया गया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने दिल्ली में वोटर लिस्ट से 30 लाख नाम हटा दिए हैं जिनमें बनिया और मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। इसी के साथ जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले में दिल्ली पुलिस और शिकायतकर्ता राजीव बब्बर से जवाब मांगा। इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी। पीठ में जस्टिस एसवीएन भट्टी ने कहा, याचिका में एक बड़ा मुद्दा उठाया गया है कि क्या आपराधिक मानहानि की सीमा राजनीतिक चर्चा के दौरान भाषणों पर रोक लगा सकती है। कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय आया है जब दोनों आप नेताओं को 3 अक्टूबर को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होना था।
आतिशी और केजरीवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने दलील दी कि मानहानि मामला भाजपा की दिल्ली इकाई के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में बब्बर द्वारा दायर किया गया है। ना तो (केंद्रीय) भाजपा, ना ही इसकी दिल्ली इकाई ने कोई शिकायत दायर की। बब्बर वह व्यक्ति नहीं हैं जिसका कथित तौर पर मानहानिकारक बयान में जिक्र किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई की तारीख चार हफ्ते बाद की तय की। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि ये आरोप प्रथम दृष्टया, मानहानिकारक हैं जो भाजपा को बदनाम करने और अनुचित राजनीतिक लाभ हासिल करने के इरादे से लगाए गए थे।
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