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क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था तथा जागरूकता की जा रही सुनिश्चित
निगरानी हेतु टीमे गठित 24 घंटे क्षेत्र में हो रही निगरानी
बरेली। प्रभागीय वनाधिकारी, वन एवं वन्य जीव प्रभाग बरेली द्वारा अवगत कराया गया है कि माह सितम्बर 2024 के प्रारम्भ में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से वन्य जीव सियार द्वारा लोगों को चोटिल किये जाने की घटनायें घटित हुयी हैं, जिनमें संज्ञानित घटनायें निम्न प्रकार हैंः-
दिनांक 03 सितम्बर 2024 को जनपद की तहसील बहेड़ी के ग्राम मंसूरगंज में 02 व्यक्तियों नेमचनंद व मुन्नी पत्नी नेमचन्द, दिनांक 06 सितम्बर 2024 को ग्राम जसाईनगर व बिजौरिया में 03 व्यक्तियों महारानी पत्नी टीकाराम, श्यामकली पत्नी रामपाल, सचिन सिंह पुत्र निरंजन सिंह एवं दिनांक 07 सितम्बर 2024 को 02 व्यक्तियों श्यामाचरन पुत्र गिरधारी लाल मौर्या, दिनेश कुमार सिंह पुत्र खुवेन्द्र मोहन मौर्या को वन्य जीव सियार द्वारा चोटिल किये जाने की घटनायें घटित हुयी हैं। दिनांक 04 सितम्बर 2024 को तहसील फरीदपुर के ग्राम गुल्थिया में देशांत सिंह व शगुन सिंह, ग्राम मेवापट्टी में अंकेश को वन्य जीव सियार द्वारा चोटिल किये जाने की घटनायें घटित हुयी हैं।
दिनांक 12 सितम्बर 2024 को तहसील आंवला के ग्राम रम्पुरा व देवकोला में मेवाराम, आदित्य, निधि, प्रभात, यशपाल, चमेली, कृष्णपाल, आयुष, प्रतिपाल, त्रिमल, राजेन्द्र, सत्यपाल, खेमकरन, ओमकार सिंह, कान्ती देवी, श्यामवीर सिंह, भगवान दास, खुशीराम, कल्लोदेवी को वन्य जीव सियार द्वारा चोटिल किये जाने की घटनायें घटित हुयी हैं । दिनांक 16 सितम्बर 2024 को तहसील बरेली के ग्राम लक्ष्मियापुर में चिरंजीव पुत्र सुशान्त सरकार को वन्य जीव सियार द्वारा चोटिल किये जाने की घटनायें घटित हुयी हैं। तहसील नबाबगंज के ग्राम समुआ भानपुर में प्रेम सिंह एवं पुष्पेन्द्र पुत्र प्रेम सिंह 02 व्यक्तियों को वन्य जीव सियार द्वारा चोटिल किये जाने की घटनायें घटित हुयी हैं। तहसील मीरगंज के ग्राम बढेपुरा में गुडडी देवी पत्नी राम प्रसाद को वन्य जीव सियार द्वारा चोटिल किये जाने की घटनायें घटित हुयी हैं । इस प्रकार जनपद बरेली के विभिन्न क्षेत्रों में अब तक 31 व्यक्तियों को वन्य जीव सियार द्वारा चोटिल किये जाने की घटनायें घटित हुयी हैं।
उक्त छहों रेंजों के अन्तर्गत सूचना प्राप्त होने पर वनकर्मियों द्वारा गांवों का निरीक्षण किया गया तथा रात्रि गस्त की गयी। पूछताछ करने पर ग्रामीणों द्वारा वन्य जीव सियार के द्वारा घायल किया जाना बताया गया। वन्य जीव द्वारा काटे गये चिन्ह को देखा गया तथा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था तथा जागरूकता सुनिश्चित की गयी है और निगरानी हेतु टीमे गठित की गयी है जो 24 घंटे क्षेत्र में निगरानी कर रही हैं। उपरोक्त घटनायें आकस्मिक रूप से हुयी हैं। तहसील प्रशासन एवं पुलिस से नियमित समन्वय स्थापित है। स्थानीय ग्रामवासियों के साथ बैठक कर एडवाइजरी जारी की गयी है कि किसी भी प्रकार की अफवाह से बचें।
वन्य जीव के दिखायी देने पर तत्काल वन विभाग/तहसील/पुलिस से सम्पर्क करें। रात्रि में घर से अकेले न निकले, आवश्यकता होने पर सामूहिक रुप में ही रात्रि में बाहर जायें एवं टार्च, डण्डा साथ रखें। घर के आस-पास पर्याप्त रोशनी रखें। बुर्जुगों, महिलाओं एवं बच्चों को घर से अकेले न निकलने दें। रात्रि में खुले में न सोयें व घर का दरवाजा बन्द रखें। किसी भी वीरान जगह पर अकेले विचरण न करें। खेतों में समूह में जायें। आवाज करते रहें ताकि जानवर को आपकी उपस्थिति का पता चल सके और वो दूर चला जाये। वन्य जीव कभी भी अनावश्यक रूप से किसी पर हमला नहीं करते। अतः किसी तरह से जानवरों को उकसाने की कोशिश न करें। सियार पारिस्थितिकीय तंत्र का एक महत्वपूर्ण जीव है, जिसके होने से प्रकृति का सफाई तन्त्र चलता रहता है यह कुत्ते की तरह दिखता है। इस समय सियारों का प्रजनन काल चल रहा है, अतः गन्ने के खेत में अकेले न जायें। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि किसी भी प्रकार का कूड़ा व खाने का सामान खुले में न फेकें ताकि वन्य जीव खाने की तरफ आकर्षित होकर गॉव के अन्दर न आये।
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