बदायूं। पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश का असर एक बार फिर मैदानी इलाकों में दिखने लगा है।गंगा नदियों में छोड़ा जा रहा पानी अब तटवर्ती इलाकों में ग्रामीणों को मुसीबत का कारण बन रहा है। गंगा में पानी बढ़ने से कई गांव टापू की तरह दिख रहे हैं। कई संपर्क मार्ग कट चुके हैं। बाढ़ जैसे हालातों से जूझ रहे ग्रामीण अब ऊंचे स्थानों की ओर दौड़ रहे हैं। स्थिति को भांपते हुए बाढ़ खंड से अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि अभी बाढ़ नहीं है।
इन दिनों पहाड़ों पर झमाझम बारिश हो रही है। बारिश का पानी हरिद्वार और बिजनौर बैराज में आ रहा है जिससे नरौरा बैराज में भी पानी का दबाव बढ़ गया है। पानी का दबाव बढ़ जाने से नरौरा बैराज से पानी तीन दिन से लगातार एक लाख क्यूसेक के आस पास डिस्चार्ज किया जा रहा है। रविवार को नरौरा बैराज से 77 हजार 233 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया। जबकि पिछले दो दिन से और अधिक पानी छोड़ा गया था जो गंगा में आ चुका है। उस पानी के आने से गंगा उफान पर है। कछला गंगा में जलस्तर खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर बह रहा है जो खतरे की घंटी बजा रहा है। पानी बढ़ने से उसहैत इलाके के कई गांवों तक पानी पहुंच चुका है। खेत खलिहान सब भर चुके हैं। गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग कट चुके हैं। ग्रामीणों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। जटा गांव के लोग बाहर ऊंचे स्थानों की ओर दौड़ लगा रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि अब बाढ़ आने वाली है। गंगा की धार काफी जगह में फैल कर बह रही है।इस क्षेत्र में गंगा पूरी तरह उफान पर है।
उधर दातागंज तहसील इलाके में रामगंगा का पानी बाढ़ जैसे हालात पैदा कर रहा है जिससे दर्जन भर गांव टापू दिख रहे हैं। इस क्षेत्र के ग्राम कमलैयापुर, बल्ले नगला, कमलू नगला, कदम नगला, रैपुरा, प्रेमी नगला सहित अन्य कई गांवों तक पानी पहुंच चुका है यह सभी गांव बाढ़ की आशंका से परेशान हैं। इन गांवों तक गंगा का पानी बाढ़ की आहट दे रहा है। बाढ़ के भय से ग्रामीण इधर उधर ऊंचे स्थानों को तलाश रहे हैं।
रामगंगा का जलस्तर 160,130 मीटरगेज दर्ज किया गया है।
सहसवान इलाके में महावा नदी भी ग्रामीणों को डरा रही है। इस क्षेत्र में वीर सहाय नगला, भमरौलिया, कोतल नगला सहित कई गांवों में पानी पहुंच चुका है। तहसील प्रशासन ने इस क्षेत्र में लोगों को पहले ही सतर्क रहने को कहा था। लेकिन जिस तेजी के साथ पानी बढ़ा है इसको लेकर किसानों में खलबली मची हुई है। अब बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए ग्रामीणों ने बाहर निकलने की तैयारी कर ली है। ग्रामीणों का कहना है कि तहसील प्रशासन की ओर से पहले ही आगाह कर दिया गया था।
नरौरा से रविवार को कुछ कम पानी डिस्चार्ज किया गया है। लेकिन दो दिन तक पानी अधिक आया जो उसहैत और हजरतपुर इलाके में दिक्कत पैदा कर रहा है। आज मात्र 77 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अभी स्थिति सामान्य है फिर भी तटवर्ती गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। दो दिन पानी कम आता है तो फिर कोई दिक्कत नहीं होगी। बाढ़ खंड स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
नेशपाल – सहायक अभियंता
गंगा में हर रोज पानी घट बढ़ रहा है। अभी बाढ़ की स्थिति नही है। नरौरा से छोड़ा हुआ पानी गंगा में पास हो रहा है। ग्रामीणों को डरने कह जरूरत नही है। स्थिति सामान्य बनी हुई है। बारिश के कारण गंगा में पानी कुछ अधिक आ रहा है। जिला प्रशासन स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। तटवर्ती इलाकों में किसी को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
डा. वैभव शर्मा – एडीएम वित्त एवं राजस्व
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