कस्तूरबा आवासीय विद्यालय से छात्रा लापता, तीन घंटे बाद मिली

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भास्कर टुडे
बदायूं।  शुक्रवार सुबह एक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में प्रार्थना के दौरान कक्षा छह की एक छात्रा दीवार कूदकर लापता हो गई। विद्यालय के स्टाफ ने इधर-उधर तलाश की। तकरीबन तीन घंटों के बाद छात्रा पास के गांव के स्कूल के कर्मचारी के पास मिली जो उसके गांव का है। छात्रा के माता-पिता को बुलाया गया। बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक ने स्टाफ और छात्रा के माता-पिता से जानकारी की। माता-पिता ने बताया कि छात्रा आवासीय विद्यालय में रहकर पढ़ना नहीं चाहती। वह विद्यालय से जाने की जिद कर रही है। मना करने पर वह विद्यालय से चली गई।
शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे विकास क्षेत्र सालारपुर के गांव मोंगर स्थित बा विद्यालय में प्रार्थना चल रही थी। इसी दौरान नया प्रवेश लेने वाली कक्षा छह की छात्रा दीवार कूदकर विद्यालय से चली गई। प्रार्थना के बाद कक्षा में उपस्थिति हुई तो छात्रा नहीं मिली। विद्यालय में उसकी तलाश हुई लेकिन कुछ पता नहीं चला। विद्यालय की वार्डन ने बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक प्रशांत गंगवार को सूचना देकर छात्रा की तलाश कराई। तकरीबन तीन घंटों के बाद छात्रा पास के गांव दहेमी के प्राइवेट स्कूल के कर्मचारी के पास मिली। जो छात्रा के गांव का है। वह कर्मचारी से अपने घर छोड़ने की जिद कर रही थी। बा विद्यालय का स्टाफ छात्रा को वापस ले आया।
सूचना मिलने पर छात्रा के माता-पिता आ गए। जिला समन्वयक भी विद्यालय पहुंचे। वार्डन, छात्रा और उसके माता-पिता से जानकारी की। वार्डन ने बताया कि विद्यालय में प्रवेश के लिए छात्रा को उसके माता-पिता एक जून को विद्यालय लेकर आए थे। पिता ने कहा था कि छात्रा बा विद्यालय में रहकर पढ़ना नहीं चाहती। कुछ दिन रोककर देख लो तो उसका मन लग जाएगा और वह पढ़ने लगेगी लेकिन छात्रा माता-पिता से दूर रहकर पढ़ना नहीं चाहती थी। वह उनके साथ जाने की जिद कर रही थी। जिसके चलते विद्यालय में उसका नामांकन कराया था लेकिन विभागीय पोर्टल पर अपलोड नहीं किया था। पहले से ही लग रहा था कि छात्रा विद्यालय में नहीं रुक पाएगी। छात्रा के माता-पिता ने भी इस बात से हामी भरी। जिला समन्वयक ने वार्डन और छात्रा के माता-पिता से लिखित में उनके बयान लिए हैं। जिसके बाद माता-पिता छात्रा को अपने साथ घर ले गए।
माता-पिता छात्रा को विद्यालय लेकर आए थे। उन्होंने पहले ही बताया था कि छात्रा को कुछ दिन विद्यालय में रखकर देख लो। वह रुक गई तो पढ़ जाएगी लेकिन छात्रा अपने माता-पिता के साथ ही रहना चाहती थी तो वह विद्यालय से चली गई। छात्रा का सकुशल उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है। 
प्रशांत गंगवार, जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा।
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