जिला महिला अस्पताल में आए दिन शिकायतें कर रहीं गर्भवती

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Badaun News: जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को सीधे भर्ती नहीं किया जाता है। उन्हे कई तरह के सवालों के जवाब देने पड़ते हैं। इसी तरह देहात क्षेत्रों में भी गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पूर्व भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। शिकायत करने पर केवल कार्यवाही का आश्वासन दिया जाता है।

जिला महिला अस्पताल में महिला चिकित्सकों की मनमानी का आलम यह है कि वह लोग सीएमएस का आदेश भी मानने को तैयार नहीं हैं। दिन में जब कोई गर्भवती महिला यहां पर भर्ती होने को आती है तो उसे तो भर्ती कर लिया जाता है मगर देर शाम को जब गर्भवती महिलाएं आती हैं तो उन्हे महिला चिकित्सकों की फटकार सुननी पड़ती है। गर्भवती महिलाओं से अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट मांगी जाती है। यदि उनके पास अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट नहीं होती है तो उन्हे भर्ती भी नहीं किया जाता है।

महिला अस्पताल में हावी दलाल महिलाएं उन्हे प्राइवेट अस्पतालों में जबरन ले जाती हैं। महिला अस्पताल की चिकित्सक भी यही चाहती हैं कि अधिक से अधिक मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जाएं जिससे उन्हे मुनाफा हो सके। इस धांधली की शिकायत एक संगठन ने जिलाधिकारी और मंडलायुक्त से भी की है। मगर अभी तक जांच के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला है। जबकि एक अन्य मामले में प्रशासनिक जांच पूरी होने के बाद यहां से चार स्टाफ नर्स को हटाया गया है। उन चारो का एक एक महीने का वेतन भी काटा गया है। फिर भी यहां की स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है।

उसहैत स्वास्थ्य केन्द्र पर शनिवार को एक गर्भवती महिला तीन घंटे तक दर्द से तड़पती रही मगर स्टाफ नर्स ने उसे भर्ती नहीं किया जिससे महिला को नगर के ही एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां महिला ने बच्ची को जन्म दिया। कुछ देर बाद बच्ची की मौत हो गयी। इस मामले की शिकायत भी पीड़ित परिवार ने जिलाधिकारी से करने की बात कही है। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आसफपुर पर भी गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर भी स्टाफ नर्स का सिक्का चलता है। वह किसी को भी हड़का देती है। शिकायत करने पर अधिकारी अनसुना कर देते हैं।

स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की कमी के कारण स्वास्थ्य केन्द्रों पर शिकायतें मिलती हैं। सीमित स्टाफ है किसी को हटाने से पहले उस जगह पर कैसे तैनात किया जाए यह सोचना पड़ता है। फिर भी निरीक्षण किया जाता है। स्वास्थ्य कर्मचारियों को हिदायत भी दी जाती है। कुछ शिकायतें भी निराधार होती हैं जबकि कुछ पर कार्यवाही भी होती है।

डा. अब्दुल सलाम खान – प्रभारी

सीएमओ

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